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Delhi: ड्राइवर बनकर उड़ा लेता था मालिक की कार, पूर्जे को अलग कर कबाड़ में देता था बेच

पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह कैब मालिकों से संपर्क कर नौकरी करता है। नौकरी मिलने के बाद वह मौका मिलने पर कार को मो. साबिर व भगत सिंह के हाथों बेच देता था। ये दोनों कार के पूर्जे अलग अलग कर उसे ठिकाना लगा देते थे।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 04 Feb 2021 11:24 AM (IST)
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आरोपितों के कब्जे से कार की इंजन, सीएनजी सिलेंडर व सीएनजी किट बरामद किया गया है।
पश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता। कार को किराया पर चलाना एक शख्स को महंगा पड़ गया। शख्स ने कार खरीदने के बाद एक चालक को नौकरी पर रखा। एक दिन अचानक चालक ने अपना मोबाइल बंद कर दिया इसके बाद कार मालिक की लाख कोशिश के बाद भी न तो चालक को पता चला और न ही उन्हें कार वापस मिली। अंत में मामला थाना पहुंचा। शिकायत पर कार्रवाई के बाद छानबीन के दौरान पुलिस ने कार चालक का पता कर लिया। पुलिस ने न सिर्फ कार चालक बल्कि दो ऐसे लोगों को भी दबोचा जो कार के पूर्जे को अलग अलग कर उसे कबाड़ में बेच देते थे।

आरोपितों की पहचान राहुल चौहान, मो. साबिर व भगत के रूप में हुई है। आरोपितों के कब्जे से कार की इंजन, सीएनजी सिलेंडर व सीएनजी किट बरामद किया गया है।

एक फरवरी को हुई थी शिकायत

कापसहेड़ा थाना में महेंद्र सिंह ने शिकायत में पुलिस को बताया कि 19 जनवरी को उन्होंने राहुल नामक शख्स को कार चालक की नौकरी पर रखा। 24 जनवरी को उन्होंने लाइव लोकेशन की जानकारी के लिए राहुल का पता लगाया तो उसका मोबाइल स्विच आफ मिला। काफी कोशिश के बाद भी जब कार नहीं मिली तो उन्होंने पुलिस की शरण ली। छानबीन के दौरान पुलिस ने राहुल के संभावित ठिकानों पर ध्यान लगाया और तमाम कोशिश के बाद उसे दबोच लिया।

पूछताछ में आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह कैब मालिकों से संपर्क कर नौकरी करता है। नौकरी मिलने के बाद वह मौका मिलने पर कार को मो. साबिर व भगत सिंह के हाथों बेच देता था। ये दोनों कार के पूर्जे अलग अलग कर उसे ठिकाना लगा देते थे।

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