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दिल्ली एम्स में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए खुशखबरी, अब पहले जैसी हुई ओपीडी सेवा

ओपीडी में सिर्फ आनलाइन व टेलीफोन से अप्वाइंटमेंट लेने वाले मरीज ही देखे जा रहे थे। अब सभी विभागों में प्रतिदिन 50 नए मरीज व 100 पुराने मरीज देखे जाएंगे। 70 फीसद मरीज अप्वाइंटमेंट के आधार पर देखे जाएंगे।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 02:10 PM (IST)
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रूटीन सर्जरी भी जल्द पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एम्स में करीब साढ़े दस माह बाद ओपीडी सेवा पूरी तरह सामान्य हो गई। बृहस्पतिवार को ओपीडी में पहले की तरह मरीज देखे गए। बगैर अप्वाइंटमेंट के इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों का भी ओपीडी पंजीकरण केंद्र में ओपीडी कार्ड बनाया गया। इस वजह से एम्स की ओपीडी में क्षमता के अनुरूप मरीज देखे जाने लगे हैं। इस वजह से एम्स में पहले की तरह मरीजों की भीड़ देखी गई। पंजीकरण काउंटर के बाहर भी मरीज लाइन में खड़े देखे गए। शाम की ओपीडी भी शुरू हो गई है। एम्स प्रशासन के अनुसार अब सभी विभागों की ओपीडी में प्रतिदिन नए पुराने 150 मरीज देखे जाएंगे। रूटीन सर्जरी भी जल्द पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।

अभी ज्यादातर सर्जरी इमरजेंसी के माध्यम से ही हो रही है। हालांकि, जनरल सर्जरी, कैंसर सर्जरी सहित कई विभागों में रूटीन सर्जरी होने लगी है। न्यूरो सर्जरी विभाग ने भी मरीजों का ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पिछले दिनों किडनी प्रत्यारोपण सर्जरी भी शुरू कर दी गई थी। फिर भी अभी रूटीन सर्जरी कम हो रही है। हृदय के मरीजों की अभी तक रूटीन सर्जरी शुरू नहीं हो पाई है। अब ओपीडी सेवा सामान्य होने के बाद रूटीन सर्जरी भी अगले कुछ दिनों में सामान्य होने की बात कही जा रही है।

कोरोना का संक्रमण शुरू होने से पहले एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन करीब 13 हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते थे। कोरोना के संक्रमण के कारण पिछले साल 18 मार्च से एम्स में ओपीडी सेवा बंद कर दी गई थी। बाद में 25 जून को एम्स ने कुछ प्रतिबंधों के साथ ओपीडी शुरू हुई। तक सभी विभागों में सिर्फ 15-15 मरीज देखे जा रहे थे। बाद में ओपीडी में इलाज के लिए मरीजों की संख्या बढ़ाकर 30 निर्धारित की गई थी।

इस वजह से ओपीडी में सिर्फ आनलाइन व टेलीफोन से अप्वाइंटमेंट लेने वाले मरीज ही देखे जा रहे थे। अब सभी विभागों में प्रतिदिन 50 नए मरीज व 100 पुराने मरीज देखे जाएंगे। 70 फीसद मरीज अप्वाइंटमेंट के आधार पर देखे जाएंगे। जबकि बगैर अप्वाइंटमेंट के 20 फीसद मरीज देखे जाएंगे। वहीं एक विभाग से दूसरे विभाग में स्थानांतरित 10 फीसद मरीज भी बगैर अप्वाइंटमेंट के देखे जा सकेंगे।

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