Move to Jagran APP

2020 Delhi Riots: कोर्ट ने चार आरोपितों को जमानत देने से किया इन्कार, एक की अर्जी स्वीकृत

गोकलुपरी इलाके में हिंसा व लूटपाट के दो मामले में आरोपित आजाद को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने जमानत दे दी। आदेश में कोर्ट ने कहा कि पुलिस के गवाहों ने समय से पीसीआर और उच्चाधिकारियों को घटने की सूचना नहीं दी।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Fri, 05 Feb 2021 11:18 AM (IST)
Hero Image
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के पांच मामलों में सुनवाई करते हुए गुरुवार को कड़कड़डूमा कोर्ट ने चार आरोपितों की जमानत देने से इन्कार कर दिया। जबकि एक आरोपित की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली गई। आरोपित शाहनवाज उर्फ शानू और परवेज की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि गवाहों के बयान से पृथम दृष्या प्रतीत होता है कि दोनों आरोपित दंगाई भीड़ में शामिल थे। जिसने हिंसा, लूटपाट और आगजनी की। अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं है। वीडियो में आक्रामक मुद्रा में दिखने की वजह से कोर्ट ने आरोपित विशाल वर्मा को जमानत देने से इन्कार कर दिया।

गत वर्ष 25 फरवरी को गोकलपुरी इलाके में भागीरथी विहार मुख्य ब्रिजपुरी रोड पर स्पेयर पार्ट्स की दुकान व सर्विस सेंटर को लूटपाट के बाद आग के हवाले करने के मामले में आरोपित शाहनवाज उर्फ शानू और परवेज ने जमानत के लिए अर्जी दायर की थी। गुरुवार को उनकी अर्जी पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें बचाव पक्ष ने दलील दी कि दोनों आरोपितों को झूठे मुकदमे में फंसाया गया। उनके खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के रूप में न सीसीटीवी कैमरे की फुटेज है और न ही सीडीआर लोकेशन रिकॉर्ड।

अभियोजन पक्ष ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के अलावा दो स्वतंत्र गवाहों ने दोनों आरोपितों की पहचान की है। कोर्ट को बताया कि दोनों दंगे के कई अन्य मामलों में आरोपित हैं। कई मामलों में जांच चल रही है। दंगे के षड्यंत्र से पर्दा उठाने के लिए कई आरोपितों की पहचान और गिरफ्तारी होना बाकी है। इस परिस्थिति में आरोपित शाहनवाज और परवेज को जमानत देना उचित नहीं है। ये दोनों बाहर निकल कर साक्ष्यों से छेड़छाड कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसी कोर्ट ने दंगे के दौरान खजूरी खास इलाके में हत्या के मामले में आरोपित हरजीत सिंह को अंतरिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।

वहीं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की कोर्ट ने वेलकम इलाके में बाबरपुर शिव मंदिर के पास हिंसा और जानलेवा हमला करने के मामले में आरोपित विशाल वर्मा की जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि वीडियो फुटेज में आरोपित हाथ में ईंट लिए हुए आक्रामक मुद्रा में नजर आ रहा है, जिससे प्रतीत होता है कि वह दंगाई भीड़ का हिस्सा था। गोकलुपरी इलाके में हिंसा व लूटपाट के दो मामले में आरोपित आजाद को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट ने जमानत दे दी। आदेश में कोर्ट ने कहा कि पुलिस के गवाहों ने समय से पीसीआर और उच्चाधिकारियों को घटने की सूचना नहीं दी। जिससे उनकी विश्वसनीयता पर संदेह होता है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।