12वीं पास निकला गैंग का सरगना, फर्जी काल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों का लगाया 5 करोड़ का चूना
अनीस ने दिल्ली पुलिस की पूछताछ में बताया कि उसने बीपीओ में नौकरी की और फिर कई आइटी कंपनियों में नौकरी के बाद कॉल सेंटर के काम को समझा। इस दौरान उसने अमेरिकन एक्सेंट में बातचीत का सलीका सीखा।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दक्षिण दिल्ली के गोविंदपुरी पुलिस ने तुगलकाबाद से फर्जी काल सेंटर के जरिये अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। वहीं, यह भी बता चला है कि गैंग का सरगना सिर्फ 12वीं पास है, लेकिन अमेरिकी अंदाज में बात करता है। अपनी फर्राटेदार अंग्रेजी की वजह से लोगों को अपने झांसे में ले लेता था। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि अनीस अहमद खुद 12 वीं पास है और उसके साथ काम करने वाले बाकी लोग बीटेक, स्नातक और एक फाइव स्टार होटल का कर्मचारी है, जो होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई के बाद नौकरी कर रहा है। अनीस ने पूछताछ में बताया कि उसने बीपीओ में नौकरी की और फिर कई आइटी कंपनियों में नौकरी के बाद कॉल सेंटर के काम को समझा। इस दौरान उसने अमेरिकन एक्सेंट में बातचीत का सलीका सीखा और काम आने के बाद उसने बाकी के तीनों दोस्तों को अपने साथ मिलाया और सितंबर 2020 में अपना काल सेंटर शुरू किया और फिर लोगों से ठगी करने लगे।
आरोपित खुद को अमेजन और पे-पल कंपनियों का कर्मचारी बताकर ठगी करते थे। आरोपितों की पहचान अनीस अहमद, शिवेंद्र मणि त्रिपाठी, अंकित और आशीष के रूप में की गई है। आरोपित छह महीने से तुगलकाबाद में फर्जी काल सेंटर चला रहे थे। यह काल सेंटर अमेरिका के समय के हिसाब से रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक चलाया जा रहा था। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि अभी तक आरोपित सैकड़ों विदेशियों से करीब पांच करोड़ रुपये की ठगी कर चुके थे।
दिल्ली पुलिस उपायुक्त राजेंद्र प्रसाद मीणा ने बताया कि गोविंदपुरी के एसएचओ सीपी भारद्वाज की टीम को सूचना मिली कि तुगलकाबाद इलाके में फर्जी काल सेंटर चलाया जा रहा है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर अमूल त्यागी, एसआइ मंजूर, कांस्टेबल शिवकुमार की टीम को छापेमारी के लिए भेजा। जहां जांच करने पर उन्हें कुछ संदेह हुआ। जांच में पुलिस टीम को मौके पर कुछ लोग मिले जो टोल फ्री नंबर के जरिये अमेरिका के लोगों से अमेजन और पे-पल के कर्मचारी बनकर बात कर रहे थे। आरोपित उन्हें साइबर सुरक्षा का डर दिखाकर उन्हें झांसे में लेते थ्लो। जब लोग उनके झांसे में आ जाते थे तो वह खाते की सुरक्षा के नाम पर उनसे पैसे चार्ज करने की बात बताते थे और उनसे रकम ट्रांसफर करवा लेते थे।