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CBSE 12th Result 2018: जज्बे के आगे हार गई दृष्टिहीनता, राहुल ने हासिल किए 88% अंक

इरादे बुलंद हो तो शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आती। यह साबित किया है दयानंद विहार स्थित शहीद राजपाल डीएवी पब्लिक स्कूल के बारहवीं के छात्र राहुल जैन ने।

By Edited By: Updated: Mon, 28 May 2018 11:21 AM (IST)
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CBSE 12th Result 2018: जज्बे के आगे हार गई दृष्टिहीनता, राहुल ने हासिल किए 88% अंक

नई दिल्ली (स्वदेश कुमार)। इरादे बुलंद हो तो शारीरिक अक्षमता भी आड़े नहीं आती। यह साबित किया है दयानंद विहार स्थित शहीद राजपाल डीएवी पब्लिक स्कूल के 12वीं के छात्र राहुल जैन ने। दृष्टिहीन राहुल ने 12वीं की परीक्षा में 88 फीसद अंक प्राप्त किए। खास बात यह है कि बिजनेस स्टडीज में उन्हें 99 अंक मिले। राहुल ने लिपिक की मदद से परीक्षा दी थी। लक्ष्मी नगर के कृष्णकुंज में रहने वाले राहुल जन्मजात दृष्टिहीन हैं।

पिता मधुप जैन किताब-कॉपी की दुकान चलाते हैं। मां नीरू जैन गृहिणी हैं। राहुल का कहना है कि बचपन से माता-पिता ने यही बताया कि उसके पास सुनने और समझने की क्षमता बहुत है। इसलिए आंखों पर ध्यान नहीं दो। इसके बाद उन्होंने इसे जीवन में आत्मसात कर लिया।

राहुल बताते हैं कि उन्हें पढ़ाई में सामान्य बच्चों से थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ती है, लेकिन वह इसके लिए तैयार रहते हैं। 10वीं में भी उन्हें 10 सीजीपीए आया था और 12वीं की शुरुआत में ही उन्होंने तय कर लिया था कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं। इसके लिए तैयारी भी उसी समय से शुरू कर दी थी। वह अब बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद आइटी क्षेत्र में जाना चाहते हैं।

वहीं, मां नीरू ने बताया कि राहुल देर रात तक साफ्टवेयर की मदद से कंप्यूटर पर पढ़ाई करता था। इसी मेहनत का यह प्रतिफल मिला है। वह अपने बेटे को दूसरों से अधिक मजबूत मानती हैं। बड़ी बहन ने भी दिया साथ राहुल ने बताया कि उनकी बड़ी बहन नेहा जैन ने उनकी सभी किताबों को टाइप करके साफ्टवेयर में डाल दिया था। वह कंप्यूटर पर इसी साफ्टवेयर पर साउंड (ध्वनि) के जरिये सुनकर पढ़ाई करते थे। उनकी सफलता में माता-पिता और स्कूल के साथ उनकी बहन का भी काफी योगदान रहा है।

स्कूल ने बढ़ाया हौसला

राहुल बताते हैं कि स्कूल में उन पर काफी ध्यान दिया गया। छोटी कक्षा में थे तो उन्हें ऐसी किताबें दी गईं, जिनमें बड़े-बड़े अक्षर थे और जिन्हें वह छूकर पढ़ते थे। स्कूल की प्रधानाचार्या रेनू लारोइया ने एक बार उनसे कहा था कि तुम हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हो। इससे भी उनका उत्साह बढ़ा।

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