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गामा नाइफ थेरेपी से ब्रेन ट्यूमर पर काबू पाना संभव

By Edited By: Updated: Sat, 11 Feb 2012 07:42 PM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : बहुत कम लोग जानते होंगे कि गामा नाइफ थेरेपी से ब्रेन ट्यूमर पर जल्द काबू पाया जा सकता है। इस थेरेपी से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज होता है, लेकिन जानकारी के अभाव में बहुत कम मरीज यहां पहुंच पाते हैं।

महज तीन-चार घंटे की थेरेपी से मरीज राहत महसूस करता है। इस थेरेपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि ब्रेन ट्यूमर बढ़ नहीं पाता है। जिस मरीज के ब्रेन में ट्यूमर की लंबाई तीन सेंटीमीटर से कम है, उस मरीज के लिए तो यह थेरेपी रामबाण के समान है। एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर एके महापात्रा ने बताया कि कई बार ऐसे मामले हमारे सामने आते हैं, जब कोई मरीज स्तन, फेफड़े या आंत कैंसर से पीड़ित होने के साथ ब्रेन ट्यूमर का शिकार भी होता है। वैसी स्थिति में उस मरीज के ब्रेन ट््यूमर का गामा नाइफ थेरेपी करते हैं। जिसमें मरीज को रेडिएशन दिया जाता है। इससे मरीज को ब्रेन ट्यूमर से काफी हद तक राहत मिलती है।

उन्होंने बताया कि इस विषय पर हम 13 से 15 फरवरी तक तीन दिवसीय एक सेमिनार का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें करीब 18 मरीजों का इस थेरेपी से इलाज का सेमीनार में टेलीविजन के जरिए प्रसारण किया जाएगा।

एम्स में गामा नाइफ थेरेपी के इंचार्ज डॉक्टर एस.एस. काले ने बताया कि निजी अस्पतालों में यह थेरेपी ढाई-तीन लाख रुपए में की जाती है, जबकि एम्स में महज 75 हजार रुपए में इलाज हो जाता है। वर्ष 1996-2012 के बीच एम्स में 2900 मरीजों की थेरेपी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि यह ब्रेन ट्यूमर पहले भी होता था, लेकिन जब से एमआरआइ तथा सीटी स्कैन की सुविधा विकसित हुई है, तब से ज्यादा मामले सामने आने लगे हैं। क्योंकि इससे ब्रेन ट्यूमर आसानी से पकड़ में आता है।

ब्रेन ट्यूमर के क्या हैं लक्षण

डॉ महापात्रा ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को अक्सर सिर में दर्द के साथ उल्टियां होती है और नजरें कमजोर हो रही हैं तो उसे एक बार जरूर अपना एमआरआइ तथा सीटी स्कैन कराना चाहिए। क्योंकि ब्रेन ट्यूमर होने के कई लक्षणों में ये प्रमुख लक्षण हैं।

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