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जुनून ने बनाया महंत गौरव शर्मा को अंतरराष्ट्रीय पॉवरलिफ्टर

फोटो: 2 डेल 702 व 703 -चांदनी चौक के प्राचीन नरसिंह हनुमान मंदिर में महंत है गौरव शर्मा

By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 Aug 2018 10:08 PM (IST)
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जुनून ने बनाया महंत गौरव शर्मा को अंतरराष्ट्रीय पॉवरलिफ्टर

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली

जुनून ने चांदनी चौक के प्राचीन नरसिंह हनुमान मंदिर के महंत गौरव शर्मा को अंतरराष्ट्रीय पॉवर लिफ्टर बना दिया। उन्होंने हाल ही में जर्मनी में हुए यूरोपियन पॉवरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक हासिल किए। इस चैंपियनशिप में उन्होंने 242 किलो वजन उठाकर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। अब वे सितंबर में अमेरिका में लॉस वेगास में होने वाले ओलंपियाड में पावर लिफ्टिंग की तैयारी में जुटे हुए हैं।

वैसे, वे जब अभ्यास में व्यस्त नहीं होते हैं तो चांदनी चौक के साइकिल मार्केट के सामने स्थित ऐतिहासिक नरसिंह हनुमान मंदिर में महंत की जिम्मेदारी संभालते हैं। इस मंदिर में उनकी नौवीं पीढ़ी महंत है। महंत का काम प्रमुख रूप से मंदिर का रखरखाव करना होता है।

वैसे, गौरव को खेल का जुनून पीढि़यों से मिला है। पिता महंत श्रवण कुमार शर्मा को भी पहलवानी का शौक था। दिल्ली स्तर की प्रतियोगिताओं में उन्होंने अपना लोहा मनवाया भी, लेकिन घर वालों ने अखाड़े की जगह मंदिर के रखरखाव की नसीहत दी और उनकी पहलवानी छुड़वा दी। तब चार बहनों में अकेले भाई गौरव शर्मा में पिता ने अपनी इच्छा पूरी करने का सपना देखा और गौरव ने भी उनका बखूबी साथ दिया। बचपन में चौथी मंजिल से गिरने के कारण गौरव के पैर में गंभीर चोटें आई। पैर का आपरेशन करना पड़ा। तब भी बिस्तर से उठने के बाद उन्होंने हनुमान अखाड़े में पहलवानी का दांव-पेंच आजमाना शुरू कर दिया। हालांकि, एक दांव लगाने में कमर में चोट ऐसी आई कि चिकित्सक ने अखाड़े में उतरने से मना कर दिया। ऐसे में गौरव के सामने अंधेरा छा गया, लेकिन जुनून ने हार मानने नहीं दिया। एक साल बाद ही वेटलिफ्टिंग में हाथ आजमाना शुरू हो गया। इसके बाद पॉवरलिफ्टिंग में करियर बनाया।

पॉवरलिफ्टिंग में वे दो बार वर्ष 2004 व 2005 में दिल्ली स्टेट चैंपियन भी रहे। इसके साथ ही कॉमनवेल्थ, एशिया व व‌र्ल्ड यूरोपियन समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में 12 से अधिक पदक जीते, जिसमें आठ स्वर्ण पदक हैं। गौरव का मुश्किलों से लड़ने का जज्बा उन्हें असाधारण बनाता है। वर्ष 2011 में एक सड़क दुर्घटना में उसी पैर में चोट आई, जिसमें बचपन में गिरने से चोट आई थी। फिर पैर का आपरेशन हुआ। इसके बावजूद गौरव के पॉवरलिफ्टर का स्वर्णिम सफर जारी है। इसके पहले उन्होंने वर्ष 2007 में न्यूजीलैंड में आयोजित कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में चार गोल्ड पदक जीते।

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