..अब लग रहे हैं साथी
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : करीब सात साल पहले रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल के निशाने पर कांग्रेस ही रही।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : करीब सात साल पहले रामलीला मैदान में हुए अन्ना आंदोलन के समय अरविंद केजरीवाल सहित उनकी पूरी टीम कांग्रेस की बखिया उधेड़ने में जुटी थी। कांग्रेस सरकार पर घोटाले के नए-नए आरोप लगाए जाते थे। वर्ष 2012 में जब आम आदमी पार्टी (आप) का गठन केजरीवाल ने किया तो उस समय भी कांग्रेस ही उनके निशाने पर थी। आप से भाजपा को उस समय बड़ा फर्क भले नहीं पड़ा, लेकिन इस दल ने कांग्रेस को बहुत नुकसान पहुंचाया। 2012 तक पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में रही कांग्रेस 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में दिल्ली में आठ सीटों वाली पार्टी रह गई। कांग्रेस के समर्थन से आप ने सरकार बनाई, जो 49 दिन तक चली। इसके बाद जब 2015 में फिर से विधानसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया। इस बार भाजपा को भी नुकसान उठाना पड़ा और 32 सीटों से वह तीन पर आ गई। सबसे बड़ी बात यह है कि आम आदमी पार्टी भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानती है। उसका मानना है कि यदि कांग्रेस मजबूत होगी तो आप का नुकसान होगा। कांग्रेस को जितने अधिक वोट मिलेंगे आप उतनी ही कमजोर होगी, लेकिन शुक्रवार को इन दोनों दलों के बीच गठबंधन के प्रयासों की बात सार्वजनिक हुई। इससे वे लोग भी आश्चर्य में हैं जिन्होंने आप को वोट दिया था।