21 साल में 12वीं का सबसे शानदार प्रदर्शन: सिसोदिया
दिल्ली सरकार 12 वीं में सरकारी स्कूलों के आए परीक्षा परिणाम को लेकर गदगद है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि 12वीं का अभी तक का सबसे बेहतरीन परीक्षा परिणाम रहा है।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 04 May 2019 06:23 AM (IST)
राज्य ब्यूरो,नई दिल्ली : दिल्ली सरकार 12वीं में सरकारी स्कूलों के परीक्षा परिणाम को लेकर काफी खुश है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि सरकारी स्कूलों में 12वीं में पिछले 21 साल का यह सबसे शानदार प्रदर्शन है। सरकारी स्कूलों में अधिकांश ऐसे बच्चे पढ़ते हैं, जिनके माता-पिता अधिक पढ़े-लिखे नहीं हैं। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उनके लिए पढ़ाई जारी रखना काफी कठिन रहता है। ऐसे बच्चों के साथ सरकारी स्कूलों में 94.29 फीसद परीक्षा परिणाम आना बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह पिछले साल की अपेक्षा 3.6 फीसद अधिक है।
उन्होंने बताया कि इस साल 202 स्कूलों ने 100 फीसद परीक्षा परिणाम दिया है, जबकि पिछले साल 168 और वर्ष 2017 में 112 स्कूल इस सूची में शामिल थे। वहीं इस साल 732 स्कूलों में 90 फीसद परीक्षा परिणाम रहा है, जबकि पिछले साल 638 स्कूल इस श्रेणी में थे। इस साल 17 हजार बच्चे अधिक थे। प्रतिभा स्कूलों का परीक्षा परिणाम 99.92 फीसद है, जोकि केंद्रीय विद्यालयों से अधिक है। सिसोदिया ने कहा कि स्कूलों की कमी है। कुछ वर्षो से देख रहा था कि द्वितीय पाली में पढ़ने वाले बच्चों का परीक्षा परिणाम कम रहता था। पिछले साल द्वितीय पाली में पढ़ने वाले लड़कों का परीक्षा परिणाम 83 फीसद था, जो इस बार 89 फीसद हो गया है। यह सब इसलिए भी हुआ है हमने कमरे बढ़ाए हैं। जहां 174 बच्चे तक एक कक्षा में बैठते थे, वहीं अब यह संख्या कम हो गई है। स्कूलों में आठ हजार कमरे बनाए गए हैं। शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया गया है। 209 शिक्षक व प्रधानाचार्य ब्रिटेन के कैंब्रिज आदि में प्रशिक्षण के लिए भेजे जा चुके हैं। छह सौ शिक्षकों को सिगापुर में प्रशिक्षण दिलाया गया है। इससे बहुत बड़ा बदलाव दिख रहा है। अब सभी विषयों के हिसाब से बच्चों की हाजिरी अलग-अलग रखी गई। मेगा पीटीएम (पैरेंट्स टीचर मीटिंग) कराई गई। एक साल में चार बार मेगा पीटीएम होती है, लेकिन इस बार चुनाव आयोग में शिकायत कर भाजपा ने नहीं होने दी। इसमें हम क्या लाभ ले लेते, बच्चों का ही लाभ होता। मेरे अनुरोध करने के बाद भी नहीं करने दी। एक काम हमने और किया। पिछले कुछ वर्षो में कम अंक पाने वाले बच्चों की सीबीएसई से हर विषय की 200 उत्तर पुस्तिकाएं निकलवाई। इनका अध्ययन कराकर यह पता लगाया कि बच्चे कहां गलती कर रहे हैं। कमियों को ढूंढ़ कर उन्हें दूर किया गया। उसके आधार पर सभी शिक्षकों को फीडबैक दिया गया। अतिथि शिक्षकों के योगदान के बारे में पूछे जाने पर सिसोदिया ने कहा कि इस सफलता में अतिथि शिक्षकों का भी योगदान रहा है। जहां तक कि उनकी नौकरी की बात है तो यह मामला उपराज्यपाल के अधीन है। हमने फाइल पास करके उपराज्यपाल के पास भेजी थी, लेकिन उपराज्यपाल की ओर से इस पर फैसला नहीं लिया गया है।
--------------------------- टॉप 3 में तीन बेटियां
राजकीय स्कूलों की श्रेणी में पहला, दूसरा व तीसरा स्थान क्रमश: सर्वोदय कन्या विद्यालय जामा मस्जिद की सना (488 अंक), सर्वोदय कन्या विद्यालय, रमेश नगर की ज्ञान कौर (485 अंक) और राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय द्वारका की निकिता दहिया (483 अंक) को मिला है। वहीं गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, नजफगढ़ के नमन गुप्ता भी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहे हैं। राजकीय स्कूलों में 96.3 फीसद लड़किया व 91.48 फीसद लड़के उत्तीर्ण हुए हैं।
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