'गुमशुदा लोगों को मिलाने के लिए आधार कार्ड का हो इस्तेमाल'
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के मामले में आधार
By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 Jul 2018 08:28 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाने के मामले में आधार कार्ड विवरण का उपयोग करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व सी हरिशंकर की पीठ ने गृह मंत्रालय को नोटिस जारी कर आधार कार्ड विवरण के संबंध में जागरूकता फैलाने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता वकील अमित साहनी ने कहा कि केंद्र को लापता बच्चों, वृद्ध व्यक्तियों और मानसिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के आधार कार्ड का उपयोग करने के लिए अधिकारियों को उचित और अनिवार्य निर्देश जारी करें, ताकि वे पुनर्मिलन के उद्देश्य से तुरंत उन्हें अपने परिवारों से संपर्क करा सकें। याचिका में कहा गया कि आधार कार्ड को लेकर काफी चर्चा हुई है और इसकी संवैधानिक वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन यह गुमशुदा लोगों की तलाश में एक बड़ा माध्यम बन सकता है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2016 के आकड़ों के अनुसार देश में कुल गायब व्यक्ति 5,49,008 हैं और अब भी 3,19,627 का कोई पता नहीं लगा है। माता-पिता अपने बच्चों के गायब होने के बाद असहाय महसूस करते हैं। याचिकाकर्ता ने दिल्ली पुलिस द्वारा बरामद की गई 31 वर्षीय मानसिक रूप से कमजोर महिला का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा के सामने पेश किया गया था। उन्होंने अधिकारियों को आधार के माध्यम से महिला के परिजनों को तलाशने के आदेश दिए थे। बॉयोमीट्रिक रिकॉर्ड आधार डेटाबेस के माध्यम से पुलिस महिला को राजस्थान में उनकेपरिजनों से मिलाने में कामयाब रही थी।
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