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Delhi Pollution: जहरीली हुई दिल्ली की हवा, AQI 400 के पार; पराली के धुएं से बिगड़ रहे हालात

Delhi Pollution केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 424 रहा। सोमवार को एयर इंडेक्स 392 था। यानी चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 32 अंकों की बढ़ोतरी हुई है।

By sanjeev GuptaEdited By: Pradeep Kumar ChauhanUpdated: Tue, 01 Nov 2022 10:30 PM (IST)
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Delhi Pollution: अगले तीन दिन हवा की गुणवत्ता गंभीर या बहुत खराब ही रहेगी।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। लगातार बदल रही मौसमी परिस्थितियों के चलते मंगलवार को दिल्ली की हवा जहरीली हो गई। करीब 10 माह बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 400 से ऊपर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। इससे पहले दो जनवरी को यह 404 रहा था। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा भी दमघोंटू ही रही। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा गंभीर जबकि अन्य जगहों पर बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सफर इंडिया का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन हवा की गुणवत्ता गंभीर या बहुत खराब ही रहेगी।

पंजाब में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंची

अपेक्षाकृत धीमी हवाएं चलने और पंजाब में पराली जलाए जाने के मामले बढ़ने के बीच वायु गुणवत्ता ''गंभीर'' श्रेणी में आ जाने के कारण मंगलवार को दिल्ली में धुंध और धुएं की परत छाई रही और दृश्यता स्तर कम रहा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ''नासा'' की उपग्रह से ली गई तस्वीरों में कई लाल निशान दिख रहे हैं, जो पंजाब और हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में पराली जलाए जाने के मामलों को दर्शाते हैं। पूर्वी पाकिस्तान से पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंधु-गंगा के मैदानों के विशाल क्षेत्रों में धुंध की एक परत दिखाई दे रही है।

दिल्ली का एक्यूआइ 400 के पार पहुंचा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के मुताबिक, मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 424 रहा। सोमवार को एयर इंडेक्स 392 था। यानी चौबीस घंटे के भीतर ही इसमें 32 अंकों की बढ़ोतरी हुई है। सीपीसीबी की रियल टाइम मानिटरिंग के मुताबिक सोमवार देर रात ही दिल्ली का एक्यूआइ 400 पार कर गया था। मंगलवार को पूर्वाह्न 10 बजे यह 429 पर था।

एनसीआर के शहरों में भी एयर इंडेक्स में बढ़ोत्तरी  

कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 यानी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कणों की सांद्रता 450 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रही, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग आठ गुना अधिक है। एनसीआर के शहरों में फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 403, गाजियाबाद का 381, ग्रेटर नोएडा का 402, गुरुग्राम का 390 और नोएडा का 398 दर्ज किया गया। सोमवार की तुलना में एनसीआर के इन सभी शहरों के एयर इंडेक्स में भी वृद्धि देखने को मिली।

पराली का प्रदूषण रहा 14 प्रतिशत

दिल्ली के वायु प्रदूषण में मंगलवार को पराली के धुएं की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत रही। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 1939 घटनाएं दर्ज की गई। सफर के मुताबिक सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत रही। सोमवार को यह 22 प्रतिशत, रविवार को 26 प्रतिशत और शनिवार को 21 प्रतिशत थी।

अभी राहत के नहीं आसार

दिल्ली एनसीआर वासियों को अभी खराब हवा से राहत मिलने की संभावना नहीं है। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि हवा की धीमी गति और रात में कम तापमान के कारण प्रदूषकों का संचय हो रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण चार नवंबर से नमी बढ़ सकती है तथा हवा की गति और कम हो सकती है। अलबत्ता, हवा की दिशा अब उत्तर पश्चिमी से दक्षिणी पूर्वी हो गई है। इससे पराली के धुएं का असर भी कम होने लगा है। फिर भी अनुमान है कि अगले दो-तीन दिनों के बीच दिल्ली का एयर इंडेक्स बहुत खराब श्रेणी में बना रहेगा।

इन इलाकों की हवा सबसे खराब

  • बुराड़ी क्रासिंग (एक्यूआइ 477),
  • बवाना (465)
  • वजीरपुर (467)
  • नरेला (465)
  • विवेक विहार (457)
  • रोहिणी (462)
  • जहांगीरपुरी (475)
  • सोनिया विहार (469) और अशोक विहार (465)

आठ से 12 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार से चली हवा

मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को सफदरजंग और पालम दोनों एयरपोर्ट पर हवा की गति आठ से 12 किमी प्रति घंटे तक रही। सुबह और शाम के समय हवाओं की रफ्तार शांत से धीमी हो गई। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सुबह धुंध की मोटी परत के कारण सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता 600 मीटर और पालम हवाई अड्डे पर दृश्यता 900 मीटर रह गई।

सीएक्यूएम ने दिए हाट स्पाट पर प्रदूषण रोधी उपाय बढ़ाने के निर्देश

मंगलवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली की स्थिति पर सभी जिलाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। बैठक में पर्यावरण सचिव ए के सिंह और डीपीसीसी के सदस्य सचिव डा के एस जयचंद्रन भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान सभी ने अपने अपने क्षेत्र में प्रदूषण की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में बताया। इस पर सीएक्यूएम ने उन्हें दिल्ली के सभी 13 हाट स्पाट पर प्रदूषण कम करने के पानी के छिड़काव सहित और कदम उठाने के भी निर्देश दिए।

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