Air Pollution : वायु प्रदूषण से हो सकती हैं 8 गंभीर बीमारियां, लापरवाही बरती तो जा सकती है जान भी
Air Pollution दिल्ली में दिवाली के बाद से ही वायु की गुणवत्ता खराब स्तर पर चली गई है। दिल्ली की प्रदूषित हवा से कई तरह की जानलेवा बीमारियां हो सकती है। वायु प्रदूषण से दिल और फेफड़ों पर भी असर पड़ता है।
By Jp YadavEdited By: Updated: Wed, 02 Nov 2022 01:24 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार है। हाल यही रहा तो जल्द ही राजधानी में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन सकते हैं। जानकारों के मुताबिक. हवा में पाए जाने वाले जहरीले कण सांस के जरिये इंसान के अंदर प्रवेश करते हैं और फिर यही जहरीले कण श्वसन संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। आइये हम यहां पर बता रहे कि वायु प्रदूषण के 7 दुष्परिणाम, जिससे यह यह जानलेवा साबित हो सकता है।
1. सांस संबंधी बीमारियां
वायु प्रदूषण का सबसे अधिक असर हमारे फेफड़ों पर होता है। दरअसल, प्रदूषित कणों से इंसान के फेफड़ों में जाने वाली नली को नुकसान पहुंचता है, जिसके चलते नली पतली होती चली जाती है और इसका असर फेफड़े और इसके आस-पास की मांसपेशियों पर पड़ता है। वायु प्रदूषण से स्वस्थ व्यक्तियों में भी अस्थमा जैसी बीमारियां घर कर सकती है। इसके अलावा निमोनिया, दमा और लंग कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां भी वायु प्रदूषण से होती है।
2. किडनी संबंधी बीमारी
डाक्टरों और जानकारों के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण नेफ्रोपैथी नामक बीमारी भी घर कर सकती है, जिसका सीधा संबंध किडनी से होता। इसके अलावा, प्रदूषित वायु में पाए जाने वाले कार्बन से किडनी डैमेज का भी खतरा बन जाता है।3. दिल पर भी वार करते हैं प्रदूषित कण
स्वस्थ व्यक्तियों के लिए सबसे जरूरी ऑर्गन हार्ट होता है और वायु प्रदूषण फेफड़ों और किडनी के अलावा दिल पर भी वार करता है। वायु प्रदूषण से दिल की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण में इजाफा के चलते धड़कनों का असंतुलित होना, हार्ट फेल होना और हाइपरटेंशन जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। गौरतलब है कि इन समस्याओं के लक्षण शरीर पर दिखाई देने लग जाते हैं।
4. दिमाग पर भी पड़ता है असर
प्रदूषित हवा असर हमारे दिमाग पर भी पड़ता है। जानकारों की माने तो उम्रदराज लोगों और बुजुर्गों के मस्तिष्क पर प्रदूषित कण हमला करते है, जिससे उन्हें बोलने के संघर्ष करना पड़ता है। और आसान गणित आसान गणित के सवालों को सुलझाने में भी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।5. प्रदूषित हवा का प्रेग्नेंसी में असर
दूषित हवा और प्रदूषण गर्भवती महिलाओं को भी अपने निशाने पर लेता है। जहरीली सांस लेने का असर गर्भ पर भी होता है। इससे प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा बन जाता है। इसके अलावा जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह सकता है, जिससे कुपोषण जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती है।
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