दिल्ली में यमुना के पानी में खत्म नहीं हो रहा है अमोनिया का स्तर, गर्मी में हो सकती है किल्लत
यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर कम नहीं हो रहा है जिससे दिल्ली जल बोर्ड थोड़ा चिंतित नजर आ रहा है। बीते डेढ़ महीने से पानी में अमोनिया का स्तर कम तो हुआ हैलेकिन खत्म नहीं हुआ है जिसमें गर्मी में सप्लाई पानी की किल्लत हो सकती है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Wed, 01 Feb 2023 08:30 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। लगभग डेढ़ माह से यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ा हुआ है। हालांकि पिछले दिनों के मुकाबले अमोनिया का स्तर कुछ कम हुआ है, लेकिन समस्या खत्म नहीं हुई है।
इस कारण दिल्ली जल बोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल व ओखला जलशोधन संयंत्र से जलापूर्ति 10 से 15 प्रतिशत तक कम हो पा रही है। ऐसे में राजधानी के कई इलाकों में जलापूर्ति भी प्रभावित है। सर्दी के मौसम में पानी मांग अपेक्षाकृत कम रहने से किल्लत का ज्यादा असर नहीं है।
दिसंबर में बढ़ा था पानी में अमोनिया
इस बार सबसे पहले दिसंबर के पहले सप्ताह में यमुना नदी के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ने की समस्या सामने आई थी। इसके बाद 23 दिसंबर को वजीराबाद बैराज के पास यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर 3.5 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) पहुंच गया था। उस वक्त जल बोर्ड ने हरियाणा के सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर कहा था कि डीडी-8 व कुछ अन्य नालों में हरियाणा के इलाके में बगैर शोधन के सीवरेज का पानी गिराया जा रहा है। यह गंदा पानी नालों के जरिये हरियाणा के इलाके में ही यमुना नदी में गिर रहा है।हरियाणा ने झाड़ा पल्ला
जल बोर्ड ने हरियाणा सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की थी। हरियाणा दावा करता रहा है कि उसके इलाके में यमुना का पानी साफ होता है। पल्ला के पास दिल्ली की सीमा में यमुना नदी के प्रवेश करने पर प्रदूषण की समस्या बढ़ती है। स्थिति यह है कि यमुना के पानी को पूरी तरह शोधित कर पाना मुश्किल है।जल बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह पानी में अमोनिया का स्तर 2.5 पीपीएम पाया गया। जल बोर्ड वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्र के लिए यमुना से सीधे पानी उठाता है, लेकिन अभी अमोनिया का स्तर अधिक होने के कारण वजीराबाद में यमुना से शोधन के लिए पानी कम उठाया जा रहा है।
हैदरपुर और वजीराबाद के बीच बिछाई गई पाइप लाइन के माध्यम से मुनक नहर का पानी वजीराबाद ले जाकर यमुना के पानी में मिलाया जा रहा है। उसके बाद पानी में क्लोरीन मिलाकर जल बोर्ड उसे शोधित कर पेयजल के लिए आपूर्ति कर रहा है।बता दें, सामान्य दिनों में जल बोर्ड वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्र से प्रतिदिन करीब 245 एमजीडी पानी की आपूर्ति करता है। अभी इन संयंत्रों से 215-220 एमजीडी जलापूर्ति हो रही है। इस वजह से उत्तरी, मध्यम, दक्षिणी, पश्चिमी दिल्ली और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की विभिन्न कालोनियों में अगल-अलग दिन जलापूर्ति थोड़ी प्रभावित रहती है।
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