मां ने अपने ही हाथ से घोंट दिया नवजात बच्ची का गला, गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कहते हैं पुत्र भले ही कुपुत्र हो जाए परंतु माता कभी कुमाता न
By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 Aug 2018 10:10 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : कहते हैं पुत्र भले ही कुपुत्र हो जाए परंतु माता कभी कुमाता नहीं होती। मां की महत्ता को दर्शाने वाली यह कहावत तब झूठी हो गई, जब एक मां ने प्रसव के चंद घंटे बाद अपने ही हाथों से नवजात शिशु की हत्या कर दी। हत्या से कुछ देर पहले इस महिला ने शिशु को अपना दूध भी पिलाया था। मोतीनगर थाना पुलिस ने आरोपित महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, शिशु का एकमात्र कुसूर उसका बेटी के रूप में जन्म लेना था। महिला बेटे की चाहत रखती थी। आरोपित महिला का नाम रीटा देवी (32) है।
जानकारी के अनुसार, नारायणा में रहने वाली रीटा प्रसव के लिए बसई दारापुर स्थित ईएसआइ अस्पताल में 28 जुलाई को दाखिल हुई थी। 29 को देर रात महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जन्म के करीब दो घंटे बाद शिशु को मां को सौंप दिया गया। इसके बाद महिला ने उसे अपना दूध भी पिलाया। फिर अचानक करीब डेढ़ घंटे बाद महिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्सिग कर्मचारी के पास पहुंची और कहा कि बच्ची में कोई हलचल नहीं है। नर्सिगकर्मियों ने पाया कि बच्ची की नाक के दोनों ओर का रंग लाल है। बच्ची को फौरन नवजात शिशु गहन चिकित्सा इलाई (नीकू) वार्ड ले जाया गया। यहां काफी कोशिश के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका। इस पूरे प्रकरण में अस्पताल के कर्मचारियों को बच्ची के नाक पर उभरे लाल रंग से संदेह हुआ। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को सच्चाई का पता चला। रिपोर्ट से जाहिर हुआ कि शिशु की मौत दम घुटने से हुई है। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जब रीटा से पूछताछ की तो उसने सच कुबूल लिया। पुलिस के अनुसार, पूछताछ में उसने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं। इनमें दो बेटी व एक बेटा है। वह अब और बेटी नहीं चाहती थी, लेकिन बेटी का पता चलने पर उसने घटना को अंजाम दिया। उसने बच्ची की नाक और मुंह दबा दिया। किसी को शक नहीं हो इसके लिए उसने खुद ही अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि शिशु में कोई हलचल नहीं हो रही है। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है।
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