दिल्ली में वकील के चैंबर में हुआ मतांतरण और निकाह, बार काउंसिल ने लाइसेंस किया निलंबित
दिल्ली बार काउंसिल ने मतांतरण और मुस्लिम विवाह (निकाह) करने के लिए अपने चैंबर का उपयोग करने के आरोप में एक वकील का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। इसकी जानकारी दिल्ली बार काउंसिल के सचिव पीयूष गुप्ता ने दी है।
नई दिल्ली,जागरण संवाददाता। कड़कड़डूमा कोर्ट में वकील के चैंबर को मस्जिद में तब्दील कर युवती का मतांतरण कराने के बाद उसका निकाह कराने का मामला सामने आया है। युवती के पिता की शिकायत पर दस्तावेजों पर गौर करते हुए दिल्ली बार काउंसिल ने इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष अनुशासन समिति गठित की है। जांच पूरी होने तक आरोपित वकील इकबाल मलिक का लाइसेंस निलंबित करते हुए उसे कारण बताओ नोटिस जारी एक सप्ताह में समिति को जवाब सौंपने का निर्देश दिया है।कोर्ट परिसर में इस तरह की गतिविधि का यह पहला मामला है।
पटपड़गंज क्षेत्र की रहने वाली 22 वर्षीय बेटी गत 28 मई को गायब हो गई थी। युवती के पिता ने काफी तलाशने की कोशिश की, पर वह नहीं मिली। 15 जून को उनके पास बेटी का फोन आया। उस आधार पर उन्होंने पांडव नगर थाने में त्रिलाेकपुरी निवासी कामरान खान पर बेटी को बहला फुसला कर भगा ले जाने का आरोप लगाने हुए मुकदमा दर्ज करा दिया।
इसी बीच आरोपित युवक ने पहले कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर दी। यहां से राहत मिलने में समय लगा तो आरोपित युवक ने युवती के साथ मिलकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। उसमें उसने बताया कि वह दोनों मुस्लिम रीति रिवाज से शादी कर चुके हैं। साक्ष्य के रूप में उसने निकाहनामा लगाया था, जोकि अल निकाह ट्रस्ट द्वारा जारी था। जिसमें दर्ज था कि कड़कड़डूमा कोर्ट के एफ-322 स्थित मजार वाली मस्जिद में निकाह पढ़ा गया। आरोपित युवक ने हाईकोर्ट में दायर अजी में आरोप लगया कि युवती के स्वजन उसे मारने की धमकी दे रे हैं। जिस पर हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि इनके जीवन और स्वतंत्रता में किसी तरह का हस्तक्षेप न किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों ने पुलिस पूरा प्रकरण सूचित कर दिया।
इसके बाद युवती के पिता को निकाह के बारे में मालूम हुआ। उन्हें यह भी पता चला कि ऐसा करने से पहले उनकी बेटी का मतांतरण कराया गया है। किसी तरह से उनके हाथ बेटी के मतांतरण का प्रमाण पत्र हाथ लग गया। इसे भी अल निकाह ट्रस्ट ने जारी किया था। इसके बाद उन्होंने पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त और दिल्ली बार काउंसिल को शिकायत की। उसमें आरोप लगाया कि कामरान खान ने उनकी बेटी का जबरन मतांतरण कराकर उससे निकाह किया है। मतांतरण और निकाह कड़कड़डूमा कोर्ट के एफ-322 चैंबर में हुआ है। ये चैंबर वकील इकबाल मलिक है, उसने प्रमाण पत्र बनवाकर निकाह कराया। इन प्रमाण पत्रों में अनियमितताएं हैं, जिससे यह फर्जी प्रतीत होते हैं।
आरोप लगाया कि काजी मुहम्मद अकबर दहलवी ने निकाह पढ़वाया, जोकि कोर्ट परिसर में ही एफ-73 सीट पर बैठता है। यह आरोप भी लगया कि ये लोग उत्तर प्रदेश में कई जगह इसी तरह से मतांतरण व निकाह करा चुके हैं। आरोपित कामरान का आपराधिक रिकार्ड भी है। पिता का आरोप है कि पुलिस ने उसकी सुनवाई नहीं की। वह थाने से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक भटके। वहीं दिल्ली बार काउंसिल ने शिकायत पर संज्ञान लेकर वकील पर कार्रवाई कर दी। यह कहते हुए कि ये कृत्य पूरी तरह से शर्मनाक है और इससे कानूनी पेशे की गरिमा पर निकारात्मक प्रभाव पड़ा है। इस मामले में पुलिस ने चुप्पी साधी हुई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सागर प्रीत हुडा तक इस मामले कुछ बोलने से बच रहे हैं।
आरोपित इकबाल मलिक का कहना है कि मैंने किसी का मतांतरण और निकाह नहीं कराया है। मुझे उर्द भी नहीं आती। किसी ने मेरे चैंबर का नंबर लिख दिया मुझे पता नहीं है। मुझ पर लगाए गए आरोप झूठे हैं। दिल्ली बार काउंसिल के नोटिस का जवाब दाखिल करूंगा।
शाहदरा बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वीके सिंह का कहना है कि एसोसिएशन से सीधे तौर पर कोई शिकायत नहीं हुई। मामला संज्ञान में आने पर उस अधिवक्ता से पूछताछ की गई, जिन पर आरोप लगा है। उन्होंने आरोपों को नकारा है। फिर भी इस मामले को देखते हुए शादी, निकाह कराने वाले वकीलों और दस्तावेज तैयार करने वालों को सख्त चेतावनी दे दी गई है कि ऐसा कोई काम न करें, जिससे कानूनी पेशे की साख पर सवाल उठें।
पीड़ित पक्ष के वकील रक्षपाल सिंह ने कहा कि ये मतांतरण और निकाह का एक मामला सामने आया है। सही से जांच की जाए तो गिरोह सामने आएगा। मेरे मुवक्किल की बेटी का जबरन मतांतरण कराकर निकाह कराया गया है। आरोपित का आपराधिक रिकार्ड है।