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बिजली के खुले स्विच बॉक्स दे रहे मौत को दावत

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : बारिश के मौसम में करंट लगने से बीते दिनों कई लोगों की मौत हो चु

By JagranEdited By: Updated: Sun, 01 Jul 2018 10:09 PM (IST)
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बिजली के खुले स्विच बॉक्स दे रहे मौत को दावत

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : बारिश के मौसम में करंट लगने से बीते दिनों कई लोगों की मौत हो चुकी है। बिजली कंपनी की लापरवाही के कारण इन हादसों के आंकड़े समय के साथ बढ़ते जा रहे हैं। इन हादसों के बाद भी बिजली कंपनी सजग होती नजर नहीं आ रही है। जगह-जगह स्ट्रीट लाइट के खंभों पर स्विच बॉक्स खुले पड़े हैं और कई जगह बिजली के तार यूं ही फुटपाथ व सड़क पर फैले हैं। बुधवार को रामफल चौक पर करंट लगने से हुई युवक की मौत इसी लापरवाही का परिणाम है।

खुले स्विच बॉक्स

स्ट्रीट लाइट के खंभे से रोशनी फैले या न फैले पर चाहे दिन का उजियारा हो या रात का अंधेरा, ये खंभे दुर्घटनाओं को दावत जरूर देते हैं। दुर्घटना का कारण खंभे के नीचे खुले बॉक्स हैं। इनमें नंगे तार की चपेट में यदि कोई आ जाए तो करंट उसकी जान ले सकता है। लापरवाही का यह आलम जगह-जगह देखने को मिलता है। यह स्थिति एकाध दिन या महीने से नहीं, बल्कि कई साल से कायम है। सड़क पर रोशनी का उचित इंतजाम नहीं है। ऐसे में जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकती है। इसको लेकर शिकायतें भी की जाती है, लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बिजली के खुले बॉक्स लाजवंती गार्डन फ्लाईओवर के नीचे, द्वारका, नजफगढ़-नांगलोई रोड, विकासपुरी, हरि नगर के पार्को में आसानी से देखे जा सकते हैं। सड़क पर राह चलते या फिर पार्को में सैर करने के दौरान अगर बिजली के खुले बॉक्स के आसपास कोई आ गया तो बड़ी दुर्घटना घट सकती है। खासकर, पार्को में बच्चों के खेलने के दौरान आशंका और बढ़ जाती है। इलाके में कई पार्को में ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। द्वारका सेक्टर-12 में बाल भवन स्कूल के सामने डिवाइडर पर भी यह स्थिति देखने को मिलती है। द्वारका सेक्टर-1 की तरफ जाने वाली सड़क पर रोशनी का कोई प्रबंध नहीं है और वहीं फुटपाथ पर लगे बिजली के खंभों पर खुले स्विच बॉक्स के कारण हर समय खतरा बना रहता है। रात में यहां फुटपाथ पर लोगों का बसेरा लग जाता है। इसके चलते खतरा अधिक बढ़ जाता है। द्वारका मोड़ और नंगली डेयरी क्षेत्र में बिजली के खंभे बीच सड़क पर लगे हुए हैं। इन खंभों पर कोई रेफ्लेक्टर नहीं लगा हुआ है। ऐसे में रात के समय खंभा खतरे से खाली नहीं है।

हाईटेंशन तार

राजधानी को विश्वस्तरीय बनाने की कवायद भले ही की जा रही हो, लेकिन अब तक आधारभूत संरचना को व्यवस्थित करने की दिशा में प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। पानी-बिजली सहित कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे कॉलोनीवासियों के लिए बिजली के हाईटेंशन तार भी कम सिरदर्द नहीं बने हुए हैं। ये तार कहीं घर की छत से काफी नजदीक से होकर जा रहे हैं तो कहीं पर ये तार घर के बगल से गुजर रहे हैं। इस लापरवाही की वजह से पूर्व में घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक इसको ठीक करने की दिशा में कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। कॉलोनियों के अलावा बाजारों का भी यही हाल है। बाजार के बीच में कई जगहों पर तार का जंजाल लगा हुआ है। अगर ये तार किसी कारणवश नीचे गिर जाएं तो बड़ा हादसा हो सकता है। पश्चिमी दिल्ली की बात करें तो तारों के जंजाल से घिरे कई इलाके हैं। इसमें अनधिकृत कॉलोनियों की हालत सबसे ज्यादा खस्ता है। इस इलाके में जीवन पार्क, चाणक्य प्लेस, रामदत्त एंक्लेव, विजय विहार, वाणी विहार, भगवती विहार, राजापुरी, ककरौला, भरत विहार, न्यू महावीर नगर, कृष्णा पार्क एक्सटेंशन के अलावा नजफगढ़ के इलाके भी शामिल हैं।

कुछ पुरानी घटनाएं

- 15 अक्टूबर 2015 को कापसहेड़ा में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से पुलिसकर्मी घायल

- 25 जून 2016 को सागरपुर में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से तीन लोग झुलसे

- 23 जनवरी 2017 को नजफगढ़ में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से युवक की मौत

- 7 जुलाई 2017 को दिल्ली कैंट में बिजली के तार से करंट लगने के कारण एक महिला की मौत

- 14 अगस्त 2017 को ¨बदापुर इलाके में हाइटेंशन तारों की चपेट में आने से महिला जख्मी

- 20 अगस्त 2017 को कांगनहेड़ी गांव में बिजली के खंभे से करंट लगने से 20 साल के युवक की मौत

- 13 अक्टूबर 2017 को उत्तम नगर में बिजली के तार की चपेट में आने के कारण मजदूर की मौत

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