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पुस्तक मेला नहीं 'किताबगंज' कहें जनाब

नोट : कुमार विश्वास से जुडा हिस्सा कृपया लखनऊ के लिए भी भेद दें ------------------- -पुस्तक

By JagranEdited By: Updated: Thu, 10 Jan 2019 09:32 PM (IST)
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पुस्तक मेला नहीं 'किताबगंज' कहें जनाब

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : समाप्ति की ओर बढ़ता विश्व पुस्तक मेला 'किताबगंज' सरीखी शक्ल अख्तियार कर रहा है। पुस्तक प्रेमियों के साथ-साथ लेखक-साहित्यकारों का भी बड़ी संख्या में जमावड़ा हो रहा है। कहीं पुस्तक लोकार्पण हो रहे हैं तो कहीं पुस्तक चर्चा और कहीं साहित्यिक संगोष्ठी। ज्यादातर स्टालों में इसके लिए अलग से कॉर्नर भी बने हुए हैं।

नौ दिवसीय इस मेले के छठे दिन बृहस्पतिवार को भी कार्यदिवस होने के बावजूद मेले में रौनक देखते ही बनी। सप्ताहांत के तीन दिनों में पुस्तक प्रेमियों की यह भीड़ और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। रविवार को पुस्तकों का यह महाकुंभ खत्म हो जाएगा। पुस्तक चर्चा में पहुंचे कवि कुमार विश्वास

हॉल नं. 12 ए में वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर कवि कुमार विश्वास द्वारा संपादित 'मैं जो हूँ 'जॉन एलिया' हूँ' पुस्तक पर चर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुमार विश्वास ने जॉन एलिया की विशेषता बताते हुए कहा कि भारत के लिए उनकी चुनिंदा कलेक्शन लेकर आए, आने वाले समय में उनकी और रचनाएं आने वाली हैं, जो वाणी प्रकाशन लेकर आ रहा है। इसमें 'जॉन एलिया' की समग्र रचनाएं होंगी। इसलिए जॉन से मोहब्बत रखने वाले उनसे मोहब्बत करते रहिये। लेखक से मिलिए

हॉल नं. 12 ए में राजकमल प्रकाशन के स्टॉल जलसाघर में लेखक से मिलिए कार्यक्रम के पहले सत्र में 'मैक्लुस्कीगंज' के लेखक विकास कुमार झा से आलोचक वीरेंद्र यादव ने बातचीत की। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में लगभग दो दशक के शोध के बाद लिखा गया उपन्यास 'अकबर' के लेखक शाजी जमां ने पाठकों से मिलकर उनके सवालों के जवाब दिए तथा मुगल बादशाह अकबर के किस्सों से पाठकों को रूबरू करवाया। कुमार विश्वास ने भी यहां अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। अपनी आने वाली पुस्तक 'फिर मेरी याद' की घोषणा की। साथ ही उन्होंने 'साहिर समग्र' से नज्में भी सुनाई। लेखक से मिलिए कार्यक्रम के चौथे सत्र में चर्चित पुस्तक 'जनता स्टोर' के लेखक नवीन चौधरी से पत्रकार आशुतोष उज्जवल ने बातचीत की। आशुतोष से बातचीत में, उपन्यास लिखने की प्रेरणा कहां से मिली, इस सवाल का जवाब देते हुए नवीन चौधरी ने कहा, स्कूल और कॉलेज के समय से ही मैं छात्र राजनीति में सक्रिय रहा और मैंने यह महसूस किया कि छात्र राजनीति की बहुत चीजें विश्वविद्यालय के बाहर नहीं आ पाती हैं। उन्हीं अनसुनी किस्सों-कहानियों को इस पुस्तक के माध्यम से बाहर लाने की कोशिश है - जनता स्टोर। 'युद्ध में अयोध्या' और 'अयोध्या का चश्मदीद' पुस्तक का लोकार्पण

प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित वरिष्ठ पत्रकार-लेखक हेमंत शर्मा की पुस्तक 'युद्ध में अयोध्या' और 'अयोध्या का चश्मदीद' का कुमार विश्वास ने लेखक मंच पर लोकार्पण किया। लोकार्पण में हेमंत शर्मा और कुमार विश्वास के बीच पुस्तक और अयोध्या में मंदिर बनने को लेकर प्रश्न और उत्तर का सिलसिला चला जिसमें मौजूद लोगों ने भी अपने सवालों के साथ हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रभात प्रकाशन के निदेशक प्रभात कुमार और पियूष कुमार मौजूद रहे।

'जहा बास फूलते हैं' पुस्तक पर परिचर्चा का आयोजन

यश पब्लिकेशस के स्टॉल पर मशहूर लेखक श्रीप्रकाश मिश्र की लिखित उपन्यास 'जहा बास फूलते हैं' पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा के दौरान लेखक ने पुस्तक के बारे में बताया कि यह उपन्यास आम पाठक को पूर्वोत्तर भारत की समस्या समझने की खासी सामग्री देगा। यश पब्लिकेशस के निदेशक राहुल भारद्वाज ने बताया कि इस बार मेले में उपन्यास और कहानी संग्रह की पाठकों के बीच खासी माग देखने को मिल रही है। एक साथ सात पुस्तकों का लोकार्पण

हॉल नं. आठ के सभागार में समदर्शी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सात पुस्तकों 'अहसासों के मोती' लेखिका संगीता कृति, 'हंसना भी जरूरी है' लेखक हास्य कवि डॉ. राम अकेला, 'पटना वाला प्यार' लेखक अभिलाष दत्त, 'वतन वेदना' लेखक गुलाब पाचाल, 'यादों की पुकार' लेखक विजय सेहलंगिया, 'इंतजार' लेखिका मालती मिश्रा एवं 'एक शिष्य की आत्मकथा' लेखक स्वामी कृष्ण वेदात का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता समाज शास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्मृति शोध संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय गिरी एवं सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अजय कुमार पाडेय रहे। पठन पाठन की संस्कृति पर विचार गोष्ठी

हॉल नं. 11 के लेखक मंच पर साहित्य अकादमी द्वारा पठन पाठन की संस्कृति पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में सामयिक प्रकाशन के महेश भारद्वाज ने विचार रखते हुए कहा कि डिजिटल युग में भी पुस्तकें पढ़ने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। कहानी संग्रह का लोकार्पण

प्रिया एस प्रसाद (प्रिया यश) की पुस्तक 'अहसास के मोती' (कहानी संग्रह) का विमोचन वरिष्ठ लेखक वेद प्रताप वैदिक ने किया। यह पुस्तक अंतरा शब्द शक्ति प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हुई है। पुस्तक में आठ कहानिया हैं जो नारी विमर्श पर आधारित हैं।

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