Covaxin Vaccine Booster News: वैक्सीन का तीसरा डोज भी लेना होगा जरूरी, एम्स में कोवैक्सीन के बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू
Covaxin Vaccine Booster News मिली जानकारी के मुताबिक दूसरी डोज के छह माह के अंतराल पर बूस्टर डोज देने के लिए एम्स में इसका ट्रायल शुरू हो चुका है। बताया जा रहा है कि जल्द ही इसके सुखद नतीजे सामने आ सकते हैं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 25 May 2021 08:39 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण के तीसरी लहर की आशंका के बीच देशभर में इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (All India Institute of Medical Sciences, Delhi) में कोवैक्सीन की तीसरी बूस्टर डोज का ट्रायल शुरू हो गया है। ट्रायल में यह बूस्टर डोज दूसरी डोज लेने के छह माह के अंतराल पर लगेगी। इसलिए कोवैक्सीन के दूसरे फेज के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले लोगों पर ही यह ट्रायल होगा। इस ट्रायल में यदि यह बात सामने आती है कि बूस्टर डोज देने से बेहतर बचाव हो सकता है तो आने वाले समय में टीकाकरण अभियान में बूस्टर डोज लगाने का प्रविधान किया जा सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा यह कोवैक्सीन टीका पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है। भारत बायोटेक ने तीसरी डोज के ट्रायल के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक से स्वीकृति मांगी थी। भारत के औषधि महानियंत्रक के विशेषज्ञों की कमेटी से स्वीकृति मिलने के बाद यह ट्रायल शुरू किया गया है। अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार कोवैक्सीन के दूसरे फेज का 380 लोगों पर ट्रायल हुआ था। इसमें 177 लोगों को मौजूदा समय में इस्तेमाल होने वाले कोवैक्सीन टीके की डोज दी गई थी। दूसरे फेज के ट्रायल में एम्स सहित देशभर के 12 अस्पताल शामिल थे। बताया जा रहा है कि तीसरी डोज का ट्रायल इन सभी 12 अस्पतालों में होगा।
एम्स में टीका ट्रायल के प्रमुख शोधकर्ता ड\. संजय राय ने कहा कि इस ट्रायल का मकसद यह जानने की कोशिश है कि क्या तीसरी डोज देने से कोरोना के खिलाफ बेहतर प्रतिरोधकता मिलती है? इसलिए तीसरी डोज की उपयोगिता के लिए एक साक्ष्य उपलब्ध होगा। यदि परिणाम बेहतर आए और तीसरी डोज की जरूरत पड़ी तो दूसरी डोज लेने के छह माह के अंतराल पर तीसरी डोज दी जा सकती है। तीसरी डोज देने से पहले ट्रायल में हिस्सा लेने वाले लोगों की एंटीबाडी की जांच होगी। ट्रायल में आधे लोगों को प्लेसिबो व आधे लोगों को तीसरी डोज दी जाएगी। इसके बाद तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा कि दो डोज टीका लेने वालों की तुलना में तीसरी डोज लेने वाले लोगों में कितनी बेहतर प्रतिरोधक क्षमता होती है।
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