फंदा लगाने के लिए बाजार से खरीदे गए थे दुपंट्टे
सामूहिक खुदकशी -कपड़े की दुकान ढूंढने में जुटी क्राइम ब्रांच -फंदे पर लटकने के लिए
By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 07:56 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
बुराड़ी के संत नगर में फंदा लगाने में इस्तेमाल दुपंट्टा भी ललित के परिजन बाजार से खरीदकर लाए थे। क्राइम ब्रांच को इस बात की जानकारी मिली है। साथ ही घर से मिले रजिस्टर में भी इस बात का जिक्र है कि विशेष साधना के सातवें दिन 30 जून की आधी रात बरगद की जटाओं की तरह फंदे पर लटकने के लिए नए कपड़े का इस्तेमाल किया जाए। पुलिस के अनुसार जो 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले थे उनमें से अधिकतर ने अलग-अलग रंग के नए दुपंट्टे व कुछ ने टेलीफोन के तार का इस्तेमाल किया था। ऐसे में क्राइम ब्रांच यह मान रही है कि ये दुपंट्टे घर के आसपास के किसी कपड़े की दुकान से खरीदे गए। बृहस्पतिवार को क्राइम ब्रांच की टीम सुबह से शाम तक कपड़े की दुकान ढूंढने की काशिश की, लेकिन पता नहीं लग पाया। इससे पहले बुधवार को क्राइम ब्रांच को संत नगर के गली नंबर 2 में लगे तीन सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिलने से यह साफ हो गया कि किसी ने घर में घुसकर 11 लोगों की हत्या नहीं की बल्कि ललित के अंधविश्वास में पड़कर परिवार के सदस्यों ने खुद फंदे पर लटककर जान दी थी। फंदे पर लटकने के लिए सभी ने मिल जुलकर सामान जुटाए थे। 30 जून की शाम से लेकर एक जुलाई की सुबह तक की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि भुवनेश की पत्नी श्वेता व उसकी छोटी बेटी नीतू घटना वाली रात 10.20 बजे उसी गली के अंतिम छोर पर स्थित फर्नीचर की दुकान से चार प्लास्टिक के स्टूल खरीदकर घर ले जा रही है। दूसरी फुटेज में ललित का बेटा शिवम दुकान के पास से ही टेलीफोन का तार निकालकर घर ले जा रहा है और तीसरे में दोनों भाई भुवनेश व ललित अपनी-अपनी दुकानें बंद कर टेलीफोन के तार व सुतली लेकर घर जाते दिखे। क्राइम ब्रांच का कहना है कि हो सकता है घटना वाले दिन सुबह से ही ललित व उसके परिजन फंदे पर लटकने व पूजा की क्रियाओं में इस्तेमाल सामान जुटाने लगे थे।
घटना वाली रात 10:57 बजे ललित पालतू टॉमी को घुमाने पहली मंजिल से नीचे आया था। एक जुलाई को सुबह 5:35 बजे एक डिलीवरी वैन आई थी, जिससे दूध, ब्रेड व अन्य सामान ललित की दुकान के बाहर उतारने के बाद चला गया था। उसके 7 मिनट बाद सामने रहने वाले गुरवचन सिंह जब दुकान के पास आए तो उन्होंने देखा कि कई लोग सामान लेने दुकान के पास खड़े थे। 6:15 बजे जब वह पहली मंजिल पर ललित को बुलाने गए तो 10 लोगों को फंदे पर लटके हुए देखकर उनके होश उड़ गए। वह तुरंत चिल्लाते हुए वापस नीचे आए और लोगों को घटना से अवगत कराया।
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