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चौथे की रश्म की गई पूरी

फोटो संख्या-3 डेल 607 व 607 ए -संत नगर में परिजन और पड़ोसियों का लगा रहा जमावड़ा -घटना स्

By JagranEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 10:50 PM (IST)
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चौथे की रश्म की गई पूरी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

ग्यारह लोगों की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार को चौथे की रश्म रखी गई। इस मौके पर संत नगर स्थित भाटी परिवार के निवास के बाहर भारी संख्या में परिजन और पड़ोसियों ने शिरकत की। दोपहर बाद चौथी की रश्म के बाद बाहर के आए परिवार के ज्यादातर सदस्य वापस अपने घर को रवाना भी हो गए। इस दौरान वहां पूरे दिन स्थानीय लोगों को और मीडिया का भी जमावड़ा लगा रहा। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई थी। वहां आए स्थानीय लोगों में दीवार में लगे 11 पाइप को देखने की होड़ थी।

उधर जांच के लिए पूरे दिन संत नगर स्थित भाटी परिवार के मकान पर पुलिस की टीम आती रही। स्थानीय पुलिस सहित क्राइम ब्रांच की चार टीमों ने घटना स्थल का फिर से मुआयना किए जाने के साथ ही अतिरिक्त सुबूत एकत्र किए। जिस गली में भाटी परिवार का मकान है उस गली की अधिकांश दुकानें मंगलवार को बंद रखी गई थीं। मृतक की आत्मा की शाति के लिए बुराड़ी की बंगाली कॉलोनी स्थित गुरुद्वारे में पाठ का आयोजन किया गया था।

इस मौके पर भाटी परिवार के एक मात्र बेटे दिनेश और उनकी बहन सुजाता व उनके परिवार सहित गांव से आए लोग मौजूद रहे। वही, सामूहिक भोज का आयोजन भी किया गया था। सबसे पहले मंगलवार की सुबह दिनेश व बेटे प्रशात व परिवार के अन्य सदस्यों के साथ निगम बोध घाट स्थित शमशान घाट पहुंचे और अस्थिया उठाई। जांच कार्य प्रभावित न हो इसके लिए भाटी परिवार के घर का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर रखा है। रिश्तेदार व परिजन पड़ोसियों के घर में ठहरे हुए हैं।

दीवार पर लगे 11 पाइप देखने के लिए जुट भीड़

तंत्र-मंत्र के लिए मृतक के घर की दीवार पर लगाए गए 11 प्लास्टिक के पाइप देखने संबंधी जानकारी मीडिया में आने के बाद मंगलवार को उसे देखने के लिए उसे देखने वालों की भीड़ जुटी रही। कई लोग इसकी फोटो भी खीच रहे थे।

घर के ठीक सामने स्थित लाइब्रेरी में रात में पढ़ते हैं कई छात्र

भाटिया परिवार के घर के ठीक सामने एक निजी लाइब्रेरी है। वहां रात के वक्त बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। छात्र अमलेश ने बताया कि वे घटना वाली रात वह लाइब्रेरी में थे। यही नहीं नींद आने पर वह रात 12 बजे उसी गली में आ गए थे। इस दौरान वह करीब एक घंटे तक वहां थे। लेकिन इस दौरान उन्होंने घर से किसी प्रकार की कोई आवाजाही नहीं देखी और न ही कोई आवाज सुनी।

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