रजिस्टरों में कहीं लगातार तो कहीं अंतराल पर मिली लिखावट
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को मृतकों के मकान से एक और रजिस्टर मिला है। यह रजिस्टर सोमवार मकान की दोबारा तलाशी के दौरान स सूत्रों के अनुसार रजिस्टर में लिखी बातों का लगातार अध्ययन किया जा रहा है। अभी तक की जांच से यह पता चला है कि रजिस्टर में लिखावट ललित के हाथों की है। लेकिन इसकी पुष्टि के लिए फारेंसिक जांच के लिए उन्हें भेजा जाएगा। इसके पूर्व लिखावट की जांच के लिए हैंडराइ¨टग विशेषज्ञ से भी मदद ली जा रही है।मिला। इसके पूर्व पुलिस को दो रजिस्टर मिले थे। तीनों ही रजिस्टर करीब साठ साठ पेज के हैं।
जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच की टीम को मृतकों के मकान से सोमवार को एक और रजिस्टर मिला है। सूत्रों के अनुसार रजिस्टर में लिखी बातों का लगातार अध्ययन किया जा रहा है। जांच से यह पता चला है कि रजिस्टर में लिखावट ललित की है। लेकिन, इसकी पुष्टि के लिए फॉरेंसिक जांच के लिए उन्हें भेजा जाएगा। अब तक पुलिस को तीन रजिस्टर मिल चुके हैं। तीनों ही रजिस्टर करीब साठ-साठ पेज के हैं। पुलिस के अनुसार तीनों रजिस्टर के सभी पेज पूरी तरह से भरे नहीं हैं। इनमें तारीख के अनुसार बातें लिखी हुई हैं। लेकिन कहीं 15 दिनों के अंतराल पर लिखावट मिली है तो कहीं दो से पांच दिन पर। हालांकि कहीं-कहीं दो तीन दिनों तक लगातार लिखावट भी मिली हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जो रजिस्टर मिले हैं, उनमें धर्म, आध्यात्मिक बातों के अलावा साधना क्रिया आदि की बातें ही लिखी हैं। हालांकि पुलिस ने किसी तांत्रिक या बाबा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बात से इन्कार किया है। दोनों दुकानों को खंगालेगी पुलिस
क्राइम ब्रांच ने अब तक भुवनेश व ललित ¨सह के मकानों की ही पूरी तरह से तलाशी ली है। लेकिन, अब तक भूतल पर स्थित दोनों भाइयों की दुकानों की तलाशी नहीं ली है। ऐसे में पुलिस अब सुराग पाने के लिए भुवनेश की परचून व ललित के प्लाइवुड की दुकान की तलाशी लेगी। घटना के बाद से दोनों दुकानें बंद हैं। पुलिस के अनुसार जांच के क्रम में पता चला कि घटना की रात करीब साढ़े 11 बजे भुवनेश की दुकान खुली हुई थी। उस समय दुकान में भुवनेश के अलावा उनकी बड़ी बेटी नीतू भी मौजूद थीं। इसके कुछ देर के बाद ही घटना को अंजाम दिया गया है।