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मुश्किल में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, छापेमारी के बाद CBI ने दर्ज किया केस

सीबीआइ का आरोप है कि दिल्ली में बनने वाले पुलों का बेहतर डिजाइन और लागत कम करने का सुझाव देने के लिए नियमों को ताक पर रखकर विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 30 May 2018 08:34 PM (IST)
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मुश्किल में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, छापेमारी के बाद CBI ने दर्ज किया केस

नई दिल्ली (जेएनएन)। पीडब्ल्यूडी में विशेषज्ञों की भर्ती में धांधली के आरोप में दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ नए सिरे से सीबीआइ का शिकंजा कस गया है। एक साल से अधिक समय तक प्रारंभिक जांच करने के बाद सीबीआइ ने इस मामले में एफआइआर दर्ज कर जैन के आवास के साथ-साथ अन्य स्थानों पर छापा मारा।

नियमों को ताक पर रखकर की गई नियुक्ति

सीबीआइ का आरोप है कि दिल्ली में बनने वाले पुलों का बेहतर डिजाइन और लागत कम करने का सुझाव देने के लिए नियमों को ताक पर रखकर विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई। सीबीआइ पहले से आय से अधिक संपत्ति बनाने के मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच कर रही है।

जैन ने कोई बैठक भी नहीं बुलाई

सीबीआइ की एफआइआर के अनुसार पीडब्ल्यूडी ने कभी पुलों का डिजाइन और लागत कम करने के सुझाव के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति की जरूरत नहीं बताई। यहां तक कि ऐसी किसी जरूरत को पूरा करने के लिए सत्येंद्र जैन ने कोई बैठक भी नहीं बुलाई।

नियमों का हुआ उल्लंघन

सत्येंद्र जैन के ओएसडी डीसी गोयल ने आदेश जारी कर विशेषज्ञों की टीम गठित करने की जरूरत बता दी। शुरू में इस टीम में आइआइटी, आइआइएम, एनआइडी, एसपीए और एनआइटी के मेधावी प्रोफेशनल को रखने की बात की गई। लेकिन बाद में धीरे-धीरे इसे खत्म कर दिया गया। यही नहीं, इन विशेषज्ञों पर होने वाले खर्च को भी नियमों का उल्लंघन कर मोहल्ला क्लीनिकों पर डाल दिया गया। जबकि पहले इसे बारापुला फेज तीन की लागत बचाकर निकाला जाना था।

इन्हें बनाया गया आरोपी 

सीबीआइ ने इस मामले में पीडब्ल्यूडी के मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ-साथ इंजीनियर इन चीफ एसके श्रीवास्तव, प्रमुख निदेशक (प्रोजेक्ट्स) मनु अमिताभ, उपनिदेशक (प्रशासन) एके पायत और प्रोजेक्ट मैनेजर पीसी चनाना को भी आरोपी बनाया है। एफआइआर में आरोप लगाया गया है कि सत्येंद्र जैन और पीडब्ल्यूडी के अन्य अधिकारियों ने सोनी डिटेक्टिव और एलायड सर्विसेज को विशेषज्ञों की भर्ती का काम सौंपने के लिए आपराधिक साजिश रची थी।

केस से संबंधित दस्तावेज को बरामद

हैरानी की बात यह है कि इन दोनों कंपनियों को इस तरह के काम का कोई पूर्व अनुभव भी नहीं था। इसके बावजूद टेंडर प्रक्रिया में बदलाव कर इन्हें काम सौंप दिया गया। एफआइआर दर्ज करने के बाद सीबीआइ ने सत्येंद्र जैन समेत सभी आरोपियों के ठिकानों पर छापा मारकर केस से संबंधित दस्तावेजों को बरामद कर लिया है।

सीएम केजरीवाल ने किया ट्वीट 

अपने मंत्री के घर सीबीआइ के छापे की कार्रवाई से आम आदमी पार्टी भड़क गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर छापेमारी के कार्रवाई की निंदा की है। आम आदमी पार्टी मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए तीन शब्द के ट्वीट में सवालिया लहजे में पूछा है- 'पीएम मोदी क्या चाहते हैं?'

उपमुख्यमंत्री ने भी किया ट्वीट 

वहीं, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने भी सीबीआइ पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया है- सत्येंद्र जैन के घर सुबह-सुबह सीबीआइ की रेड चल रही है। आरोप है कि उन्होंने स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक आदि के डिजाइन के लिए क्रिएटिव डिजाइनर टीम की सेवाएं लीं। पूर्व एलजी नजीब जंग साहब ने जाते-जाते ये मामला सीबीआइ को सौंपा था।' 

इसी ट्वीट में उन्होंने आगे लिखा है- जंग की एक और शिकायत को सीबीआइ कुछ दिन पहले क्लोज कर चुकी है।' 

वहीं, लगातार दूसरे ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने कहा है- नीति आयोग की रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के इस 'क्रिएटिव टीम मॉडल' से सीखने की बात कही गई है। प्राइवेट अस्पतालों की मुनाफाखोरी के खिलाफ सत्येंद्र जैन की सख्त नीतियां जब जनता में चर्चा में हैं तो सीबीआइ रेड करा दो। इन लॉबियों से आम आदमी पार्टी डरने वाली नहीं।'

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