चांदनी महल से गायब है मुगलकालीन चांदनी
ली घराने की पैदाइश व मुगलकाल में कभी गीत-संगीत की धुनों से सराबोर रहने वाला चांदनी महल इलाका इन दिनों समस्याओं की जाल में उलझ गया है। इलाके में सड़कों की समस्या के साथ सीवर की समस्या लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। कहा जाता है कि चांद बीबी के नाम पर इलाके का व महल का नाम पड़ा। वह चांद बीबी दिल्ली के अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर की शहजादी थी। यहां के एक से बढ़कर एक कव्वाल शायर व संगीतज्ञों ने देश-विदेश स्तर पर क्षेत्र
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली घराने की पैदाइश व मुगलकाल में कभी गीत-संगीत की धुनों से सराबोर रहने वाला चांदनी महल का इलाका इन दिनों समस्याओं की जाल में उलझ गया है। आज इस इलाके की सुध लेने वाला कोई नहीं है। इलाके में सड़कों की समस्या के साथ सीवर की समस्या लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है।
कहा जाता है कि चांद बीबी के नाम पर इलाके व महल का नाम पड़ा। चांद बीबी दिल्ली के अंतिम मुगल शासक बहादुर शाह जफर की शहजादी थी। दिल्ली घराना हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध घरानों में से एक है। तानरस खान और शब्बू खान इस घराने के प्रवर्तक माने जाते हैं। तानरस खान की तान बहुत मशहूर थी। इनके पुत्र उमराव खां हुए जिन्होंने घराने को आगे चलाया। यहां एक से बढ़कर एक कव्वाल, शायर व संगीतज्ञों ने देश-विदेश स्तर पर क्षेत्र का नाम रौशन किया है। पंद्रह सालों से भी अधिक से कर रहे हैं नई सीवर लाइन का इंतजार
स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में सीवर लाइन की गंभीर समस्या है। ऐतिहासिक इलाका होने के कारण पहले यहां मुगलकालीन सीवर लाइन थी। जिसमें पहले कभी इलाके का गंदा पानी बहता था। लेकिन, बाद में जनसंख्या बढ़ने पर वह सीवर लाइन अधिक बोझ सहने में असमर्थ हो गई थी। इसको देखते हुए करीब पंद्रह साल पहले इलाके में नई सीवर लाइन डाली गई थी, लेकिन इतना समय गुजरने के बाद वह सीवर लाइन भी जवाब दे चुकी है। इस कारण अब हल्की सी भी बरसात में इलाके में सीवर का गंदा पानी बहता है। कई बार बिना बरसात के ही यहां गलियों में नारकीय स्थिति हो जाती है। पानी की भी रहती है किल्लत
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पानी की किल्लत भी है। इलाके में कुछ पानी की पाइपलाइन पुरानी होने के कारण गल चुकी हैं। इसलिए जब इलाके में पानी की आपूर्ति होती है तो शुरुआत में लोगों के घरों में गंदा पानी आता है। वहीं, कई बार स्थिति यह रहती है कि पानी सुबह से लेकर शाम तक नहीं आता है। गर्मी के दिनों में यह समस्या विकराल हो जाती है। इस कारण लोगों को जेब ढीली कर पानी खरीदकर लाना पड़ता है। -इस ऐतिहासिक इलाके की कोई सुध लेने वाला नहीं है। यही कारण है कि वर्षों बीत जाने के बाद भी यहां नई सीवर लाइन नहीं डल सकी है। सरकार जो चुनावी वादे करती है उसे पूरा करना चाहिए।
-नजीर -यहां सड़कों की हालत भी खस्ता है। इसलिए आए दिन लोग गिरकर चोटिल होते रहते हैं। वर्षों बीत गए आखिर कब इस इलाके की सुध ली जाएगी।
-अब्दुल सलाम -सरकार को हम लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए। मुगलकालीन इलाका होने के बावजूद इसकी ऐसी स्थिति है। हम लोग यहां नारकीय स्थिति में रह रहे हैं।
-मोहम्मद अकील