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ब्रह्मापुरी में विवाद थमने के आसार

ब्रह्मपुरी गली नंबर आठ में एक घर में बनी मस्जिद को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद थम सकता है। न्यू उस्मानपुर थाने में मंगलवार को उत्तरी पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में एक बैठक की गई, इसमें दोनों समुदाय के लोग व विधायक इशराक खान, निगम पार्षद केके अग्रवाल, पूर्व विधायक मतीन अहमद और सुभाष गोयल मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 10:04 PM (IST)
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ब्रह्मापुरी में विवाद थमने के आसार

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : ब्रह्मापुरी गली नंबर आठ में एक घर में बनी मस्जिद को लेकर कई दिनों से चल रहे विवाद के अब थमने के आसार नजर आ रहे हैं। दोनों समुदायों के साथ पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने उस्मानपुर थाने में बैठक की। इसमें सहमति बनी कि इसमें बाहरी लोग नमाज अदा नहीं करेंगे। गली में रहने वाले 16 से 20 बुजुर्ग ही इसमें नमाज अदा करेंगे। बैठक में विधायक इशराक खान, पार्षद केके अग्रवाल, पूर्व विधायक मतीन अहमद और स्थानीय नेता सुभाष गोयल मौजूद रहे।

पुलिस अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने पहले दोनों पक्षों की बात को सुना। इसके बाद तय हुआ कि उस भवन को न मस्जिद माना जाए और न ही मदरसा। जैसे लोग घरों में नमाज अदा करते हैं उसी तरह इसमें भी नमाज अदा करेंगे, लेकिन कोई बाहरी व्यक्ति नहीं आएगा और न ही इसमें लाउडस्पीकर लगाए जाएंगे। गली में रहने वाले बुजुर्ग ही इसमें नमाज अदा करेंगे। उनके पहचान पत्र पुलिस के पास जमा होंगे। जिस तरह से वर्षो से यहां पर दोनों समुदाय के लोग आपसी सौहार्द के साथ रहते आए हैं, वैसे ही रहेंगे। पुलिस ने सभी से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। इस बैठक के बाद लोगों ने अपने घर के आगे लिखे 'मकान बिकाऊ हैं' के पोस्टर को हटा लिया है। स्थानीय निवासी राम निवास शर्मा ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांगा है। इस घर में बुजुर्ग के अलावा कोई और आता है तो समझौते का उल्लंघन होगा। बैठक के बाद दोनों समुदाय के लोगों ने एक दूसरे को गले लगाया।

जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया

गली नंबर आठ में दोनों ही समुदाय के लोग कई वर्ष से आपसी प्रेम के साथ रहते आए हैं, आगे भी इसी तरह से रहेंगे। धर्म चाहे जो हो वह प्रेम का संदेश देता है। थाने में जो फैसला हुआ है, उस पर दोनों समुदाय के लोग काम करेंगे।

-हाजी इशराक खान, विधायक सीलमपुर।

बैठक में यही फैसला हुआ है कि वह घर न तो मस्जिद और न ही मदरसा रहेगा। इस गली में रहने वाले बुजुर्ग जो दूर की मस्जिद में नमाज पढ़ने नहीं जा सकते, बस वे ही इस घर में नमाज पढ़ सकेंगे। उनकी संख्या मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बताई है।

-केके अग्रवाल, पार्षद गौतमपुरी।

ब्रह्मापुरी की खासियत रही है कि यहां सभी समुदायों के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। कुछ बाहरी व्यक्तियों ने माहौल को खराब करने की कोशिश की, लेकिन इस गली में रहने वाले लोग उनकी बातों में न आए। थाने में लिखित में जो फैसला हुआ है उस पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। मतीन अहमद, पूर्व विधायक सीलमपुर।

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