Move to Jagran APP

एकला चलो रे..की नीति पर काग्रेस के सभी प्रत्याशी

संजीव गुप्ता नई दिल्ली इसे आपसी मतभेद कहें या फिर कुछ और लेकिन दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेसियों में सामन्जस्य नहीं है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 06:23 AM (IST)
Hero Image
एकला चलो रे..की नीति पर काग्रेस के सभी प्रत्याशी

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

इसे आपसी मतभेद कहें या फिर कुछ और, लेकिन दिल्ली की सातों सीटों पर काग्रेस प्रत्याशी एकला चलो रे. की नीति पर चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस प्रत्याशी अपने- अपने लोकसभा क्षेत्रों में तो सक्रिय हैं, लेकिन आपस में सामंजस्य नहीं दिख रहा। आलम यह है कि प्रदेश प्रभारी के दिशा निर्देश तक बेमानी साबित हो रहे हैं।

उत्तर पूर्वी दिल्ली से शीला दीक्षित मुख्यतया अपने 15 साल के शासनकाल में हुए विकास कायरें के बल पर वोट मांग रही हैं वहीं नई दिल्ली से अजय माकन सीलिंग का मुददा उठाकर खुद के केंद्रीय मंत्री रहते हुए संसद में पास कराए गए उस अध्यादेश की बात करते हैं जिसके आधार पर तब सीलिंग रुक गई थी। विजेंदर युवाओं और खेल सुविधाओं पर ही फोकस कर रहे हैं।

प्रदेश प्रभारी के निर्देश हवा में

नामाकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही प्रदेश काग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने सातों प्रत्याशियों को चुनाव में जीत का तीन सूत्रीय फार्मूला बताते हुए उनके मोबाइल पर कुछ निर्देश भी जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि उम्मीदवार प्रधानमंत्री मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ खूब शब्दभेदी बाण चलाएं। अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र के सभी 40 ब्लॉक अध्यक्षों के साथ बैठक करें और उन्हें कहें कि वह बूथ अध्यक्षों के साथ बैठक कर मतदाताओं के घर-घर जाना सुनिश्चित करें। काग्रेस के घोषणा पत्र के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताया जाए। मतदाताओं के घर वोटर स्लिप पहुंचे। उम्मीदवारों को सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहने के लिए कहा गया था। खासकर ट्विटर के जरिए हर मुद्दे पर अपना बयान जरूर जारी करें।

25 अप्रैल को बनी थी रणनीति

25 अप्रैल को चाको की अध्यक्षता में प्रदेश कार्यालय में सातों उम्मीदवारों की एक बैठक भी हुई। इसमें कार्यकारी अध्यक्ष हारून यूसुफ, देवेंद्र यादव, चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा भी मौजूद रहे। बैठक में एक चुनाव प्रबंधन समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया। लोकसभा चुनाव की इस बार की काग्रेस की रणनीति कैसी होगी, इसके तहत चुनाव अभियान समिति को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई। रोजाना कोई एक उम्मीदवार मीडिया से मुखातिब होगा, इस पर भी राय बनी। आम आदमी पार्टी की तर्ज पर ही काग्रेस का भी दिल्ली का अलग से घोषणा पत्र जारी करने की बात हुई। इसमें सीलिंग, लाल डोरा, अनिधिकृत कालोनियां और मोनो रेल से जुड़े मुद्दे थे। अभी तक इन पर अमल नहीं हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में नहीं आ रहे बड़े नेता

आम आदमी पार्टी की ओर से आए दिन कुछ न कुछ मुददे उठा दिए जाते हैं वहीं प्रदेश काग्रेस कार्यालय में कोई बड़ा नेता आता ही नहीं। घोषणा पत्र जारी करने का निर्णय भी टाल दिया गया है। पार्टी के प्रचार की खातिर तैयार कराए गए सात विजय रथ भी चुनाव आयोग की अनुमति न मिल पाने के कारण बृहस्पतिवार तक प्रदेश कार्यालय में ही खड़े नजर आए।

-------------------

एकला चलो जैसी कोई बात नहीं है। आम आदमी पार्टी से गठबंधन की गफलत में पार्टी प्रत्याशियों का नामाकन भी अंतिम दिन ही हुआ और उन्हें अपने क्षेत्र में प्रचार के लिए समय भी बहुत ही कम मिल पाया। इसीलिए सभी प्रत्याशी अपने अपने क्षेत्रों में लग गए हैं। हालाकि प्रदेश स्तर पर भी काग्रेस का प्रचार अभियान अब जोर पकड़ लेगा। विजय रथ जल्द चलना शुरू हो जाएंगे। प्रदेश स्तर पर अब रोजाना ही विपक्षी दलों पर जुबानी हमला बोला जाएगा। सोमवार और मंगलवार को राहुल गाधी की जनसभाएं होने जा रही हैं। बुधवार को प्रियंका वाड्रा का रोड शो भी तय हो गया है।

-सुभाष चोपड़ा, अध्यक्ष, प्रचार अभियान समिति, प्रदेश काग्रेस।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।