सीलिंग के खिलाफ कांग्रेस ने बजाया न्याययुद्ध का बिगुल
-माकन ने भाजपा और आम आदमी पार्टी को दी खुली बहस की चुनौती -पूर्व मंत्री अरविन्दर सिंह लवली के
By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 10:53 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :
दिल्ली में बड़े पैमाने पर जारी सीलिंग के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने न्याय युद्ध का बिगुल फूंका है। बुधवार शाम पूर्वी दिल्ली के गाधी नगर क्षेत्र में प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में हजारों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और मजदूरों ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ एलान भी किया कि सीलिंग बंद करो, वरना गद्दी छोड़ दो। माकन ने भाजपा एवं आप को खुली बहस की चुनौती देते हुए कहा कि दोनों दलों के गैर जिम्मेदाराना रवैये व गरीब विरोधी नीति के कारण आज दिल्ली के लाखों लोगों को सीलिंग का दंश को झेलना पड़ रहा है। उन्होंने पूछा कि कौन से ऐसे कारण हैं जिनके चलते सर्वदलीय बैठक में निर्णय होने के बावजूद दिल्ली सरकार ने आज तक घरेलू उद्योगों की परिभाषा को भी नहीं बदला है? उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार सभी मोर्चो पर पूरी तरह नाकाम साबित हुई है और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए नए-नए शिगूफे छोड़ देती है।
माकन ने कहा कि सीलिंग काग्रेस के लिए राजनीतिक नहीं, बल्कि भावनात्मक मामला है। इसकी वजह से अभी तक आठ लाख से भी अधिक लोग बेरोजगार हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी देश का सबसे बड़ा घोटाला है, लेकिन केजरीवाल की मिलीभगत से सीलिंग भी दिल्ली के लिए बड़ा घोटाला साबित हो रहा है।
पूर्व मंत्री अरविंदर सिंह लवली ने इस दौरान तीन प्रस्ताव रखे, जिन्हें वहां मौजूद लोगों ने हाथ उठाकर सर्वसम्मति से पारित किया। पारित प्रस्तावों में घरेलू उद्योगों की परिभाषा को नए सिरे से परिभाषित करके पांच किलोवाट बिजली के कनेक्शन को 11 किलोवाट और पांच के स्थान पर 11 कर्मचारियों की व्यवस्था करने का आदेश तुरंत प्रभाव से लागू करना भी शामिल है। इसमें यह भी कहा गया है कि लोगों की रोजी-रोटी से जुड़े इस मुद्दे पर पार्टी किसी किस्म की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रस्ताव में दोनों सरकारों को चेतावनी दी गई है कि वो समय रहते गैरकानूनी सीलिंग से लोगों को राहत दिलाए। लवली ने कहा कि घरेलू उद्योग का प्रावधान सिर्फ इसलिए किया गया था कि रिहायशी क्षेत्रों में लोग अपनी जरूरत के मुताबिक अधिसूचित सूची में शामिल कारोबार कर सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन 121 उद्योगों/कामधंधों को इस सूची में शामिल किया गया है, उनमें कोई भी प्रदूषण नहीं फैलाता। इसके बावजूद ऐसी इकाइयों को गैरकानूनी तरीके से सील किया जा रहा है, जो असहनीय है।
पूर्व मंत्री हारुन यूसुफ ने कहा कि दिल्ली में काग्रेस सरकार ने 70 फीसद से अधिक औद्योगिक इकाइयों वाले क्षेत्रों को राहत प्रदान करते हुए उन्हें औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया था। मास्टर प्लान में बाकायदा इस बात का प्रावधान है कि जिन क्षेत्रों में ऐसी इकाइया हैं, उन्हें आज भी औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया जा सकता है, लेकिन जानबूझकर ऐसा नही किया जा रहा है। वरिष्ठ नेता एवं न्याययुद्ध के संयोजक मुकेश शर्मा ने कहा कि काग्रेस पार्टी द्वारा चलाया गया न्याय युद्ध आम आदमी पार्टी के लिए ताबूत में कील ठोकने का काम करेगा। इस अवसर पर एआइसीसी सचिव नसीब सिंह, पूर्व विधायक भीष्म शर्मा, डॉ. नरेंद्र नाथ एवं मुख्य मीडिया कोऑर्डिनेटर मेंहदी माजिद सहित बड़ी संख्या में पूर्व विधायक, पार्षद और नेता-कार्यकर्ता मौजूद थे।
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