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Coronavirus Tablighi Jamaat: जब मौलाना साद के राजदार का जवाब सुन उड़ गए थे बैंक अफसरों के होश

Coronavirus Tablighi Jamaat मौलाना के सबसे बड़े राजदार जावेद पर साद को बैंक लाने का दबाव बनाया तो उसने कहा कि वह नहीं आ पाएंगे क्योंकि बड़े लोग भी समय लेकर मिल पाते हैं।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 24 Apr 2020 01:03 PM (IST)
Coronavirus Tablighi Jamaat: जब मौलाना साद के राजदार का जवाब सुन उड़ गए थे बैंक अफसरों के होश
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Coronavirus Tablighi Jamaat: तब्लीगी मरकज जमात के मुखिया मौलाना मुहम्मद साद के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बैंक अधिकारी ने मौलाना के सबसे बड़े राजदार जावेद पर साद को बैंक लाने का दबाव बनाया तो उसने कहा कि वह नहीं आ पाएंगे। यही नहीं, उसने बैंक अधिकारी से यह भी कहा कि देश के एक बड़े सुरक्षा अधिकारी सहित कई अफसरों को भी साद से मिलने के लिए समय मांगना पड़ता है।

अरबों की फंडिंग का बड़ा खिलाड़ी है साद

वहीं, तब्लीगी मकरज जमात को लेकर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, धार्मिक शिक्षा की आड़ में मौलाना मोहम्मद साद द्वारा किए जा रहे अरबों रुपये के खेल की तस्वीर भी साफ होती जा रही है। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चला है कि अरबों रुपये की फंडिंग के जरिये देशविरोधी ताकतों को हवा देने वाला साद बड़ा खिलाड़ी है। इसमें उसका सबसे बड़ा राजदार जावेद है, जो मरकज के खाते में प्रतिदिन आने वाले लाखों रुपये को एक दर्जन से अधिक खातों में टुकड़ों में ट्रांसफर कर करता था, ताकि किसी को उसके इस खेल का पता नहीं लग सके।

जावेद के खातों से होता है सारा खेल

सूत्रों के मुताबिक, तब्लीगी मरकज की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच व प्रवर्तन निदेशालय को जानकारी मिली है कि बैंक ऑफ इंडिया की निजामुद्दीन स्थित शाखा में मरकज के नाम से खाता है। इसमें साद का भी नाम है। इस खाते में वैसे तो पूरे साल धनवर्षा होती है, लेकिन इस साल मार्च में अकूत संपत्ति पहुंची है।

24 घंटे में निकाल लिया जाता है सारा पैसा

खास बात यह है कि प्रतिदिन मोटी रकम आने के बाद अगले 24 से 48 घंटे में सारी रकम खाते से निकाल ली जाती थी। इस रकम को नेटबैंकिंग से एक दर्जन से अधिक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। शक होने पर 10 मार्च को बैंक अधिकारी रविंद्र ने जावेद से साद के बारे में पूछताछ की थी, लेकिन उसने गोलमोल जवाब दिया था। साद के मिलने से इनकार करने पर बैंक ने 31 मार्च को खाता बंद करने की चेतावनी दी थी।

अब मरकज प्रबंधन की तलाश

जिन खातों में रकम भेजी जाती थी, क्राइम ब्रांच अब उनकी हकीकत जानने के लिए जल्द से जल्द मौलाना साद व प्रबंधन से जुड़े छह मौलानाओं मो. अशरफ, मुफ्ती शहजाद, डॉ. जीशान, मुरर्शलीन सैफी, मो. सलमान व युनूस की गिरफ्तारी की कोशिश में जुट गई है।

गौरतलब है कि बृृहस्पतिवार को तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद की तलाश में दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम  यूपी के शामली जिले में पहुंची थी। मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने यहां पर घंटों रहकर फार्म हाउस  की तलाशी ली, लेकिन यहां पर मौलाना साद नहीं मिला। वहीं, पुलिस सूत्रों का मानना है कि यह सब केस दर्ज होने के संदर्भ में किया जाएगा। ऐसे छापे संभावित ठिकानों पर आगे भी मारे जाएंगे।

यहां पर बता दें कि जब भारत समेत पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से फैल रहा था, तो मौलाना साद ने दिल्ली स्थित तब्लीगी मरकज में हजारों जमातियों को इकट्ठा कर रखा। इनमें कुछ कोरोना संक्रमित भी थे। जब ये अन्य राज्यों में गए तो इन्होंने कोरोना का संक्रमण इस कदर फैलाया कि हाहाकार मच गया। 

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