हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ को किया तलब
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हज यात्रा की नई नीति में किए गए बदलाव के तहत दिव्यांगों को य
By JagranEdited By: Updated: Wed, 05 Sep 2018 08:29 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
हज यात्रा की नई नीति में किए गए बदलाव के तहत दिव्यांगों को यात्रा से प्रतिबंधित करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) को अगली तारीख पर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के सचिव को हज कमेटी के सीईओ को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। पीठ ने कहा कि अगर वह अदालत में पेश नहीं होते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। पीठ ने सीईओ को 1 नवंबर को पेश होकर हज कमेटी का पक्ष स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल के माध्यम से दायर की गई याचिका में हज यात्रा की नई नीति में किए गए कुछ बदलावों पर सवाल उठाया गया है। याचिका में कहा गया है कि नई नीति के तहत मानसिक रूप से अस्वस्थ, पोलियो, एड्स समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति को हज यात्रा की अनुमति नहीं है। इससे पहले याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से जवाब मांगा था। इस पर केंद्र सरकार ने जवाब दिया था कि दिव्यांगों को हज यात्रा पर जाने से प्रतिबंधित करने का फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि इस यात्रा पर शारीरिक दक्षता जरूरी है और यह यात्रा दिव्यागों के लिए खतरनाक हो सकती है। प्रतिबंध लगाने के पीछे एक कारण यह भी है कि सऊदी अरब में भीख मांगना प्रतिबंधित है और हज यात्रा पर जाने वाले कई लोग भीख मांगते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।