Kanjhawala Case: 'पता था अंजलि कार के नीचे फंसी है', आरोपियों ने कबूला; बताया क्या थी U-टर्न लेने की मंशा
Delhi Kanjhawala Death Case सुल्तानपुरी थाना क्षेत्र के कंझावला की घटना के मामले में पुलिस की जांच लगभग पूरी होने पर है। आरोपितों ने पूछताछ में यह कुबूल कर लिया है कि स्कूटी को टक्कर मारते ही उन्हें पता लग गया था कि एक युवती कार के नीचे फंस गई।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। सुल्तानपुरी थाना क्षेत्र के कंझावला की घटना के मामले में पुलिस की जांच लगभग पूरी होने पर है। आरोपितों ने पूछताछ में यह कुबूल कर लिया है कि एक जनवरी की तड़के ढाई बजे सुल्तानपुरी में स्कूटी को टक्कर मारते ही उन्हें पता लग गया था कि एक युवती कार के नीचे फंस गई है। इसलिए चालक ने घटनास्थल पर ही पहले कार को दो बार आगे और दो बार पीछे किया था ताकि युवती कार के नीचे से निकल जाए।
युवती के नहीं निकल पाने पर सभी घबरा गए और उन्होंने तेजी से कार लेकर दौड़ाकर वहां से भागना ही उचित समझा था। आरोपितों ने कार से बाहर आकर युवती को इसलिए नीचे से नहीं निकालना चाहा क्योंकि उन्हें डर लगने लगा था कि कहीं हाथ लगाने पर उनपर हत्या का आरोप न लग जाए। इसलिए उन्होंने हाथ नहीं लगाया।
गड्ढे वाली जगह पर जानकर लिया यू-टर्न
युवती को कार से इसलिए घसीटा गया ताकि वह अपने आप ही निकल जाए। सपाट सड़कों पर युवती के नहीं निकल पाने पर चालक बार-बार कार गड्ढे वाले रास्तों पर ले जाकर यू-टर्न ले रहे थे ताकि युवती किसी तरह निकल जाए। यू-टर्न लेने के पीछे आरोपितों की मंशा यही थी।
...तब भागकर हो गए थे फरार
करीब डेढ़-दो घंटे तक चक्कर काटने के बाद कंझावला में यू-टर्न लेने के दौरान युवती जब कार के नीचे से निकल गई तब आरोपितों को जान में जान आई और उसके बाद सभी तेज रफ्तार में मौके से भागने में कामयाब हो गए थे। अधिकतर समय आरोपित कंझावला में ही सड़कों पर कार दौड़ाते रहे और यू-टर्न लेते रहे।
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...तो इसलिए युवती को नहीं लगाया हाथ
अंजलि की मौत मामले में घटना वाली रात बलेनो कार में सवार मनोज मित्तल, मिथुन, कृष्ण व अमित खन्ना ने पूछताछ के दौरान पुलिस को दिए बयान में यह बात कुबूली है। इन चारों के अलावा दीपक खन्ना व आशुतोष अभी पुलिस रिमांड पर है। शनिवार को अंकुश को जमानत मिल गई। कार सवार आरोपितों ने पूछताछ में बताया की उन्हें डर था की कहीं युवती को गाड़ी से निकाला गया तो उनपर हत्या का केस लग जाएगा और वे बुरे फंस जाएंगे।
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म्यूजिक बजने की बात थी झूठी
इसलिए अंजान बनकर सभी सड़कों पर कार लेकर घूमते रहे। घटना के बाद वे काफी डर गए थे। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह कहां जाएं जब तक की युवती कार के नीचे से गिर नहीं जाए। आरोपितों ने यह भी कुबूल किया कि घटना के दौरान कार में म्यूजिक नहीं बज जा रहा था। म्यूजिक बजने की झूठी बात उन्होंने इसलिए बोली थी ताकि उससे यह साबित किया जा सके कि टक्कर के दौरान युवती के चिल्लाने की आवाज उन्हें सुनाई नहीं दी।
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पुलिस अधिकारी का कहना है कि घटना के दौरान कार में सवार चारों आरोपितों के इकबालिया बयान जांच में सामने आए तथ्यों से मिलान कर लिया गया है। घटना की मुख्य चश्मदीद गवाह निधि ने भी कोर्ट, पुलिस व मीडिया को दिए बयान में यह बताया है कि टक्कर लगते ही आरोपितों को पता लग गया था कि कार के नीचे एक युवती फंस गई है फिर भी वे युवती को घसीटते हुए तेजी से मौके से भाग गए थे।