Move to Jagran APP

Delhi MCD Elections 2022: क्या भाजपा चौथी बार भी दिल्ली MCD में जीत हासिल कर पाएगी? पढ़िये चुनौतियां

Delhi MCD Elections 2022 भारतीय जनता पार्टी का पुराने लोगों का टिकट काट कर नए लोगों को देने का प्रयोग सफल रहा था। साथ ही उत्तर प्रदेश में भाजपा को मिली बड़ी जीत का असर भी दिल्ली के निगम चुनाव पर पड़ा था। इस बार की स्थिति कुछ भिन्न है।

By Santosh Kumar SinghEdited By: JP YadavUpdated: Sat, 05 Nov 2022 09:06 AM (IST)
Hero Image
भाजपा के सामने अपने निगम का दुर्ग बचाने की चुनौती है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भाजपा जहां चौथी बार निगम की सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी समर में उतरने वाली है। वहीं, दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) की कोशिश निगम में भी शासन करने की है।

कांग्रेस भी जुटी तैयारी में

कांग्रेस के सामने भी अपने खोए हुए जनाधार को प्राप्त करने का मौका है और इसके लिए पार्टी हरसंभव कोशिश करेगी। इस तरह से भाजपा के सामने अपने निगम का दुर्ग बचाने की चुनौती है। पहले दिल्ली के प्रत्येक चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के बीच मुकाबला होता था।

AAP ने भाजपा के वोटरों को भी किया पाले में

AAP के अस्तित्व में आने से चुनावी समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक समझा जाने वाला झुग्गी बस्ती, अनधिकृत कालोनी, अनुसूचित जाति व मुस्लिम अब AAP के साथ है। भाजपा के परंपरागत वोट बैंक माने जाने वाले पंजाबी व बनिया वोट बैंक में भी AAP सेंध लगाने में सफल रही है। यही कारण है कि पिछले दो विधानसभा चुनाव में उसने जहां कांग्रेस को बिल्कुल हाशिये पर ला दिया वहीं, भाजपा को भी चंद सीटें नसीब हुई हैं।

2017 में सफल रहा था भाजपा का दांव

पिछले वर्ष हुए निगम उपचुनाव में भी AAP का प्रदर्शन शानदार रहा है जिससे भाजपा की चुनौती बड़ी हो गई है।लगातार 15 वर्षों से निगम की सत्ता में रहने के कारण भी भाजपा को मतदाताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी को पिछले चुनाव में भी सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा था जिसे कम करने के लिए पार्षदों का टिकट काटकर नए लोगों को चुनाव मैदान में उतारा गया था। 

भाजपा शुरू कर चुकी है तैयारी

भाजपा के रणनीतिकार भी चुनौतियों से परिचित हैं और इसे ध्यान में रखकर चुनावी रणनीति तैयार करने की कोशिश हो रही है। चुनाव प्रबंधन के लिए समितियों की घोषणा कर दी गई है। अनुभवी नेताओं को इसमें जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के लिए मंडल स्तर पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं। पिछले कई माह से बूथ प्रबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है जिससे कि मतदाताओं को अपने साथ जोड़ा जा सके।

नरेन्द्र मोदी सरकार की खूबियों का भी होगा निगम चुनाव में बखान

दिवाली से पहले रामलीला मैदान में बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं (पंच परमेश्वर) का सम्मेलन कर पार्टी अपनी संगठनात्मक ताकत दिखा चुकी है। विधानसभा स्तर पर भी इस तरह के सम्मेलन आय़ोजित कर कार्यकर्ताओं में जोश भरकर चुनाव प्रचार में उतारा जा रहा है। नरेद्र मोदी सरकार की लोकप्रियता भुनाने के साथ ही प्रदूषण व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश है।  

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।