दिल्ली पुलिस का उत्तराखंड के कई शहरों में छापा, नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गैंग के 5 शातिर अरेस्ट
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम ने सूचना के आधार पर उत्तराखंड के कोटद्वार समेत 3 शहरों में छापा मार यहां से निकली इंजेक्शन पैकिंग डब्बे मशीन बरामद की है। ये शातिर करीब 196 नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस संक्रमण के बीच कुछ शातिर किस्म के लोग इसमें पैसा कमाने का अवसर ढूंढ़ चुके हैं। ऐसे में दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्योें में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबारी भी तेज हो गई है। आलम यह है कि अब नकली रेमडेसिविर बनाने और बेचने का धंधा भी तेज हो गया है। वहीं, ऐसे शातिरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने और उन्हें बेचने वाले गैंग के 5 लोगों को कोटद्वार (उत्तराखंड) से गिरफ्तार किया है। वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने उत्तराखंड के बड़े शहरों में छापा मारा है। पूछताछ में पता चला है कि इन नकली इंजेक्शन को 25000 रुपये में ये जरूरतमंदों को बेचा करते थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की मानें तो यह शातिर गिरोह उत्तराखंड के हरिद्वार, रुड़की और कोटद्वार में अवैध फैक्टरियोें में नकली रेमडेसिविर का उत्पादन करता है।
इस बाबत दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज (Monika Bhardwaj DCP of Delhi Police Crime Branch) की टीम ने सूचना के आधार पर कोटद्वार की इस फैक्टरी में छापा मार यहां से निकली इंजेक्शन, पैकिंग डिब्बे और मशीनें बरामद की हैं। ये शातिर करीब 196 नकली इंजेक्शन बेच चुके हैं।
दिल्ली में रेमडेसिवियर के होर्डिंग और ब्लैक मार्केटिंग में आरोप 2 लोग गिरफ्तार किए गए हैं, जिनसे 10 शीशी बरामद की। शातिर इसे 35,000-50,000 रुपये प्रति प्रति डोज में बेचते थे। एक आरोपित अस्पताल में हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में काम करता है, जबकि दूसरा एक दवा सप्लायर के यहां काम करता था।
वहीं, पिछले दिनों गाजियाबाद नगर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था। इस दौरान पुलिस ने एक चिकित्सक समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के पास से पुलिस ने 70 रेमडेसिविर, दो अक्टेमरा इंजेक्शन, 36.10 लाख रुपये व स्कॉडा कार बरामद की थी। पकड़ा गया चिकित्सक एम्स में न्यूरोलॉजिस्ट रह चुका है और वर्तमान में एम्स में गेस्ट डॉक्टर की तरह जाता है। वह दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में अपना क्लीनिक चलाता है। आरोपितों ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वे 35 से 40 हजार रुपये में रेमडेसिविर और डेढ़ लाख रुपये में अक्टेमरा इंजेक्शन बेच रहे थे।