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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिला स्पेशल ऑपरेशन अवार्ड

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाह एसीपी अतर सिंह इंस्पेक्टर शिव कुमार एएसआइ राजेश शर्मा और हैड कांस्टेबल आदेश कुमार को वर्ष 2019 का स्पेशल ऑपेरशन अवार्ड दिया गया है। गृह मंत्रालय की तरफ से हर राज्य की पुलिस को किसी विशेष ऑपेरशन करने के लिए यह अवार्ड दिया जाता है। यह अवार्ड इस बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 20 जनवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी को दिल्ली में एक स्वचलित पिस्टल 26 कारतूस और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर के नाम के तीन स्टांप के साथ पकड़ा था। उसका दूसरा साथी और जैश के दूसरे आतंकी को जम्मू कश्मीर से हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया था।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:24 AM (IST)
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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को मिला स्पेशल ऑपरेशन अवार्ड

फोटो : 31 डेल 511 से 515 तक

-जैश के दो आतंकी को दिल्ली और जम्मू-कश्मीर से किया था हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार

-स्पेशल सेल के डीसीपी, एसीपी, इंस्पेक्टर, एएसआइ और हेड कांस्टेबल थे टीम में शामिल

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाह, एसीपी अतर सिंह, इंस्पेक्टर शिव कुमार, एएसआइ राजेश शर्मा और हेड कांस्टेबल आदेश कुमार को वर्ष 2019 का स्पेशल ऑपरेशन अवार्ड दिया गया है। गृह मंत्रालय की तरफ से हर राज्य की पुलिस को किसी विशेष ऑपरेशन के लिए यह अवार्ड दिया जाता है। यह अवार्ड, इस बार दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को 20 जनवरी 2019 को जैश-ए-मुहम्मद के एक आतंकी को दिल्ली में एक स्वचालित पिस्टल, 26 कारतूस और जैश-ए-मुहम्मद के कमांडर के नाम के तीन स्टांप के साथ पकड़ा था। उसका दूसरा साथी और जैश के दूसरे आतंकी को जम्मू कश्मीर से हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया था।

गौरतलब है कि स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा अपनी टीम के साथ लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद सहित हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों पर कड़ी नजर रखे हुए थे। गणतंत्र दिवस के मद्देनजर भी पुलिस चौकस थी। इसी बीच सैन्य खूफिया तंत्र से सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध लक्ष्मी नगर स्थित एक घर में लगातार आवाजाही कर रहे हैं। जांच में पता लगा कि आतंकी संदिग्ध जैश-ए-मुहम्मद से जुड़े हुए हैं। यह भी पता चला कि इनमें से कुछ श्रीनगर में ग्रेनेड हमला कर चुके हैं। उनका अगला निशाना दिल्ली है। इसका पता चलते ही एसीपी अतर सिंह और इंस्पेक्टर शिव कुमार, एसआइ हरद्वारी लाल, पवन, हवलदार आदेश और एएसआइ राजेश शर्मा की टीम ने 20 जनवरी की देर रात राजघाट के समीप से अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार कर लिया। छानबीन में पता चला कि आतंकी जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस की एक टीम को वहां रवाना किया गया। वहां से अब्दुल लतीफ का एक अन्य साथी हिलाल अहमद भट दबोचा गया। लतीफ के घर से दो ग्रेनेड बरामद हुए। अब्दुल लतीफ जैश-ए-मुहम्मद का गांदरबाल का जिला कमांडर था। लतीफ ने बताया कि वे पाकिस्तानी आका अबुल मौज के इशारे पर काम कर रहे थे। मौज ने उसे नवंबर 2018 में सात ग्रेनेड दिए थे। वहीं, अन्य आतंकी आकिब से उसे 12 ग्रेनेड एक पिस्टल और 30 कारतूस मिले थे। यह ग्रेनेड जम्मू-कश्मीर के सैन्य ठिकाने और दिल्ली में प्रयोग किए जाने थे। उन्होंने बताया कि नवंबर 2018 में दोनों हवाई जहाज से दिल्ली आए थे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के पांच वीवीआइपी इलाके, धार्मिक स्थल और भीड़भाड़ वाली जगह की रेकी की थी। गड़बड़ी फैलाने के लिए गणतंत्र दिवस के दौरान धमाका किया जाना था। दोनों आतंकियों को दबोचकर उनके मंसूबों को विफल करने के लिए स्पेशल सेल की टीम को स्पेशल ऑपरेशन अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

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