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'अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों में किया जा रहा पक्षपात'

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म विभाग पर अब अतिथि अध्यापकों ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विभाग पर अतिथि अध्यापकों एवं अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों में पक्षपात और विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Updated: Tue, 25 Sep 2018 11:09 PM (IST)
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'अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों में किया जा रहा पक्षपात'

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म विभाग पर अब अतिथि अध्यापकों ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विभाग पर अतिथि अध्यापकों एवं अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियों में पक्षपात और विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

विभाग में बतौर अतिथि अध्यापक के तौर पर पढ़ा रहे डॉ. वकार अहमद फहाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग की ओएसडी की तरफ से दो अस्थायी शिक्षकों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने दावा किया कि इनमें से एक शिक्षक ने नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास नहीं की है। जबकि शिक्षक की भर्ती करने के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य होता है। साथ ही दूसरे अस्थायी शिक्षक ने पीएचडी भी नहीं की है। दूसरे शिक्षक की नियुक्ति के लिए ¨हदी पत्रकारिता में भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। विज्ञापन में सामान्य श्रेणी के लिए भर्ती निकाली गई थी, लेकिन जिस शिक्षक की नियुक्ति की गई है, वह ओबीसी श्रेणी के हैं। लिहाजा एक तरह से यह पक्षपात है। साथ ही कई अतिथि अध्यापकों की भी नियुक्ति विभाग में की जा रही है, जो योग्य नहीं हैं। यह विभाग की ओएसडी के संरक्षण में किया जा रहा है। प्रशासन ने आरोपों का किया खंडन

दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म के निदेशक जेपी दुबे ने कहा कि हमारे विभाग में दो अस्थायी शिक्षक और 38 अतिथि अध्यापक विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं। अतिथि अध्यापक के आरोप बेबुनियाद हैं। हम इसका खंडन करते हैं। यह विभाग पिछले साल शुरू हुआ था और यह अभी विकसित हो रहा है। अगले पांच साल में इस विभाग में 600 विद्यार्थी दाखिला ले लेंगे। धीरे-धीरे शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

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