जापान के हर घर में पीएम 2.5 मापने वाला यंत्र लगाना अनिवार्य
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर विशेषज्ञों से लेकर आम लोगा
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों तक में चिंता बढ़ गई है। प्रदूषण से जंग में सभी अपनी भूमिका निभाने में लगे हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों की तरफ से भी पहल की जा रही है। मंगलवार को डीयू के राजधानी कॉलेज ने एयर क्वालिटी एंड हेल्थ पर एक व्याख्यान का आयोजन किया।
एक दिवसीय व्याख्यान में द इनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट की पर्यावरणविद डॉ. अंजू गोयल और जापान के नागोया विश्वविद्यालय के प्रो. युताका मत्सुमी ने अपने वक्तव्य पेश किए। उन्होंने कहा कि भारत का प्रदूषण स्तर जापान से 17 गुना ज्यादा है। जापान में सालभर पीएम 2.5 का स्तर 70 एमजीसीएम के आसपास रहता है। यह आमतौर पर 30 से 40 एमजीसीएम भी रहता है। वहीं जापान में ऐसे एयर प्यूरीफायर लगाए गए हैं, जो लोगों को एक किलोमीटर के दायरे तक शुद्ध हवा देते हैं। साथ ही जापान के हर घर में पीएम 2.5 का स्तर मापने वाला यंत्र लगाना अनिवार्य है। पीएम 2.5 को मापने वाला हथेली के बराबर यंत्र : कॉलेज के पर्यावरण समिति के संयोजक डॉ. पंकज गर्ग ने बताया कि प्रो. युताका मत्सुमी ने ऐसा वायु गुणवत्ता यंत्र ईजाद किया है, जो पीएम 2.5 को मापता है। यह यंत्र इतना छोटा है कि हथेली पर आ सकता है, जबकि इस तरह के यंत्र काफी बड़े होते हैं। यह सस्ता भी है। वहीं, डॉ. अंजू ने बताया कि दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 70 से 80 फीसद क्षेत्रों में खराब है।