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आरोपित डॉक्टर की हरकतों से परेशान थीं गरिमा

डॉ. गरिमा मिश्रा की हत्या करने वाला आरोपित डॉ चंद्र प्रकाश वर्मा उससे बेइंतहा एक तरफा प्यार करता था। वह कई महीने तक गरिमा के पीछे लगा रहा लेकिन वह उसे नजर अंदाज करती रही। दोनों के बीच परिचय पिछले साल पटेल नगर में कोचिग इस्टीट्यूट में हुई थी। वहीं से चंद्र प्रकाश गरिमा से दोस्ती करने के लिए कोशिश शुरू कर दिया था। नवंबर में दोनों की नियुक्ति जब एक साथ

By JagranEdited By: Updated: Fri, 03 May 2019 08:22 PM (IST)
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आरोपित डॉक्टर की हरकतों से परेशान थीं गरिमा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : रंजीत नगर में डॉ. गरिमा मिश्रा की हत्या करने का आरोपित डॉ. चंद्र प्रकाश वर्मा उनसे एकतरफा प्यार करता था। पिछले साल पटेल नगर में एक कोचिग संस्थान में दोनों के बीच परिचय हुआ था। वहीं से चंद्र प्रकाश ने गरिमा से दोस्ती करने के लिए प्रयास शुरू कर दिया था। नवंबर में दोनों की नियुक्ति जब करोलबाग स्थित एनसी जोशी मेमोरियल अस्पताल में बतौर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर के तौर पर हुई तो चंद्र प्रकाश ने उनसे दोस्ती करने का प्रयास तेज कर दिया। गरिमा उसकी हरकतों से परेशान थीं।

पहले दोनों अलग-अलग जगहों पर किराए के मकान में रहते थे। जनवरी में सस्ते में एक साथ कमरा किराए पर लेना चाहा। दोनों ने रंजीत नगर में गौरव खुराना का मकान 18 हजार रुपये के मासिक किराए पर लिया। जनवरी की शुरुआत में चंद्र प्रकाश वहां आया। 15 दिन बाद गरिमा भी वहां आकर बगल के कमरे में रहने लगीं। दोनों की रसोई एक ही थी। डेढ़ महीने बाद चंद्र प्रकाश ने डॉक्टर राकेश यादव को अपने साथ रख लिया ताकि किराया तीन हिस्सों में बंट जाए।

पुलिस का कहना है कि गरिमा को प्रभावित करने के लिए चंद्र प्रकाश किराए का 60 फीसद हिस्सा खुद देता रहा। वह गरिमा से बातें कर उनका दिल जीतने की लगातार कोशिश करता रहा, लेकिन गरिमा उसकी मंशा भांपकर उसे नजरअंदाज करती रहीं। इसी बात को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होता था। गरिमा उसे केवल परिचित दोस्त मानती थीं। दो महीने पहले गरिमा ने अस्पताल से नौकरी छोड़कर एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) की तैयारी शुरू की थी। वहीं, चंद्र प्रकाश नौकरी करते हुए एमडी की तैयारी कर रहा था।

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अलग रहकर एमडी की तैयारी करना चाह रही थीं

चंद्र प्रकाश की हरकतों से तंग आकर गरिमा ने रंजीत नगर से घर छोड़ने का मन बना लिया था। वह अलग रहकर एमडी की तैयारी करना चाह रही थीं। इसलिए मंगलवार दोपहर गरिमा ने गुरुग्राम में रहने वाले ममेरे भाई को फोन कर अचानक गोरखपुर जाने की इच्छा जताई। ममेरे भाई ने ऑनलाइन दो टिकट बुक कराकर गरिमा को बताया कि बस आइएसबीटी कश्मीरी गेट से रात 10 बजे मिलेगी। उन्होंने निर्धारित समय से पहले आइएसबीटी पहुंच जाने के लिए कहा। मंगलवार शाम गरिमा जब सारा सामान पैक कर रही थीं तो शक होने पर चंद्र प्रकाश ने उनसे पूछा कि वह कहां जा रही हैं। गरिमा ने कुछ दिनों के लिए घर जाने की बात कही। दरअसल, गरिमा घर खाली कर गोरखपुर इसलिए जाना चाह रही थीं क्योंकि कोचिग में छुट्टी थी। वापस दिल्ली आकर दूसरी जगह किराए पर कमरा लेकर एमडी की तैयारी करतीं। चंद्र प्रकाश के बार-बार पूछने पर भी गरिमा उसे यह सच्चाई नहीं बताना चाह रही थीं कि उसकी हरकतों से तंग आकर ही वह हमेशा के लिए यह कमरा छोड़कर जा रही हैं। क्योंकि वह जानती थीं कि यह बताने पर वह आग-बबूला हो जाएगा।

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