डॉ. शाश्वत हत्याकांड को अब तक नहीं सुलझा पाई है सीबीआइ
सेंट स्टीफंस अस्पताल के युवा रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शाश्वत हत्याकांड भी अबतक नहीं सुलझ पाया है। दो साल तक जब दिल्ली पुलिस इस हत्याकांड को नहीं सुलझा पाई तब आठ माह पहले परिजनों की गुहार पर हाई कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ ने सेंट स्टीफंस अस्पताल के एक कमरे को अस्थायी कार्यालय बनार वहीं से कई तहीने तक तफ्तीश की। फिर भी कोई सुराग नहीं
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सेंट स्टीफंस अस्पताल के युवा रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर शाश्वत की हत्या का मामला भी अब तक नहीं सुलझ पाया है। दो साल तक जब दिल्ली पुलिस इस हत्याकांड को नहीं सुलझा पाई तो आठ माह पहले हाई कोर्ट ने इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी। सीबीआइ ने सेंट स्टीफंस अस्पताल में एक कमरे को अस्थायी कार्यालय बनाकर वहीं से कई महीने तक तफ्तीश की, फिर भी कोई सुराग नहीं मिला।
24 अगस्त 2017 की देर रात ड्यूटी के दौरान डॉ. सुयश ने सेंट स्टीफंस अस्पताल के अंदर डॉ. शाश्वत पर चाकू से वार कर हत्या कर दी थी। हत्या के तरीके से पुलिस का मानना था कि सुयश, शाश्वत से बेहद नफरत करता था, तभी उसने बेरहमी से वारदात को अंजाम दिया। पुलिस का कहना था कि सुयश समलैंगिक है। डॉ. शाश्वत ने उससे दोस्ती तोड़ी तो वह उनसे नफरत करने लगा। दिल्ली के इस चर्चित हत्याकांड की जांच उत्तरी जिला पुलिस के अलावा क्राइम ब्रांच भी कर रही थी। पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद जब केस नहीं सुलझ पाया तो सितंबर में सुयश पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। सब्जीमंडी थाना पुलिस ने सुयश के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट से गैर जमानती वारंट भी जारी करा दिया था। उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
हत्या के बाद सुयश की कार आनंद विहार बस अड्डे के निकासी द्वार पर लावारिस खड़ी मिली थी। इससे पुलिस का मानना था कि सुयश मेट्रो पकड़ कर एयरपोर्ट आया और यहां से विदेश चला गया होगा, या बस से उत्तर प्रदेश के रास्ते नेपाल भाग गया है। वारदात से पहले उसने अपने बैंक खातों से 5 लाख रुपये निकाल लिए थे। उसने ऑनलाइन कपड़े व चाकू भी मंगवाया था। 25 अगस्त की सुबह सुयश ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था कि भारत में जब तक रहे अच्छा लगा। इसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कराया गया था। गौरतलब है कि डॉ. शाश्वत उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के रहने वाले थे।