कहीं जनता का साथ मिले बिना ही न रह जाए काग्रेस का हाथ
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली प्रदेश और देश, दोनों ही जगहों से सत्ता से बाहर होने के बावजूद का
By JagranEdited By: Updated: Wed, 01 Aug 2018 11:03 PM (IST)
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
प्रदेश और देश, दोनों ही जगहों से सत्ता से बाहर होने के बावजूद कांग्रेस में गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। कद्दावर नेताओं का अहम-अभिमान पार्टी के भविष्य के लिए भी खतरा बन रहा है। आलम यह है कि संगठन के पदाधिकारियों की सूची तक अधूरी ही जारी हो रही है। यही स्थिति रही तो कहीं ऐसा न हो जाए कि कांग्रेस का हाथ जनता का साथ मिले बिना ही रह जाए। 24 जुलाई को प्रदेश कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की सूची जारी की गई, लेकिन 14 में से 12 नाम ही घोषित हो पाए। पूर्व सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल के संसदीय क्षेत्र में पड़ने वाले दोनों जिलों में अध्यक्षों की नियुक्तियां रोक दी गई। इसी तरह से 31 जुलाई को ब्लॉक अध्यक्षों की सूची जारी की गई, लेकिन इसमें भी 280 में से 220 नाम ही घोषित किए जा सके। 60 ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति अधर में है।
सूत्रों की मानें तो पार्टी के पुराने नेताओं में अहम व अभिमान की लड़ाई चल रही है। कोई पूर्व सांसद है तो कोई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, कोई केंद्र में मंत्री रह चुका है तो कोई प्रदेश में। कोई किसी को अपने से पद में छोटा समझता है तो कोई कद में। इसी का नतीजा है कि प्रदेश कांग्रेस में अनेक जगह सामंजस्य दिखाई नहीं पड़ता। पिछले दिनों ही पूर्व विधायक रामसिंह नेताजी ने बदरपुर जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया तो पार्टी हाईकमान राहुल गांधी को भेजे गए पत्र में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन और प्रदेश प्रभारी पीसी चाको पर भी कई आरोप लगाए।
सर्वाधिक रस्साकशी उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे जयप्रकाश अग्रवाल और पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से सांसद रहे संदीप दीक्षित के साथ देखने में आ रही है। न तो इन नेताओं की प्रदेश कांग्रेस की किसी गतिविधि में कोई सहभागिता नजर आती है और न प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन के साथ कोई तालमेल दिख रहा है। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में भी अंदरखाने गुटबाजी चल रही है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि अगर कांग्रेस ने इसमें समय रहते सुधार नहीं किया तो दिल्ली कहीं फिर से दूर न चली जाए। ---------------------
आठ विधानसभा क्षेत्रों में नहीं बना एक भी ब्लॉक अध्यक्ष बुराड़ी, बदरपुर, सीमापुरी, रोहताश नगर, घोंडा, बाबरपुर, गोकलपुर और करावल नगर विधानसभा क्षेत्र में ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इससे पूर्व उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र के दोनों जिलों के अध्यक्ष भी नहीं बनाए गए थे। ------------------------- प्रदेश कांग्रेस के इतिहास में इतने भी ब्लॉक अध्यक्ष पहले कभी घोषित नहीं किए। जो रह गए हैं उनमें से पांच और एक-दो दिन में घोषित कर दिए जाएंगे। जो बच रहे हैं, उन्हें भी सहमति से बनाने की दिशा में काम चल रहा है। युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ से भी नए चेहरों को अवसर दिया गया है। हमारी कोशिश है कि जहां कहीं भी मतभेद है, उसे जल्द सुलझा लिया जाए। -अजय माकन, प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस
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