स्टैंडर्ड लो फ्लोर बस के लिए कोई क्यों नहीं देना चाहता निविदा : हाई कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के लिए स्टैंडर्ड लो फ्लोर बसों को
By JagranEdited By: Updated: Mon, 28 May 2018 11:38 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के लिए स्टैंडर्ड लो फ्लोर बसों को खरीदने की प्रक्रिया के मामले में चल रही सुनवाई पर हाई कोर्ट ने डीटीसी से पूछा है कि आखिर लो फ्लोर बस के लिए अब तक कोई निविदा क्यों नहीं आई। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशकर की पीठ ने टिप्पणी की कि यहां तक की वैश्विक स्तर की कोई कंपनी भी डीटीसी के लिए निविदाएं नहीं देना चाहती। पीठ ने सवाल उठाया कि क्या आपके स्तर से किसी गलती के चलते तो ऐसा नहीं हुआ।
स्टैंडर्ड लो फ्लोर बसों को लेकर दायर जनहित याचिका में इन बसों के दिव्यांगों के अनुकूल नहीं होने का आरोप लगाया गया था। पीठ की टिप्पणी पर डीटीसी के उस बयान पर आई जब उसकी तरफ से कोर्ट को बताया गया कि उसने लो फ्लोर बस के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन किसी की बोली नहीं मिली। वहीं भारतीय कंपनी टाटा मोटर्स व अशोक लीलैंड ने जो आंकड़े दिए थे वो बहुत ज्यादा थे। इस पर अशोक लीलैंड ने कोर्ट में कहा था कि डीटीसी ने 2014 से लो फ्लोर वाली बसों की खरीद के लिए कोई निविदा जारी नहीं की है। बसों की खरीद करते समय डीटीसी ने कहा था कि वे 50-55 यात्रियों को ले जाने के लिए इन बसों की खरीद की गई है लेकिन हकीकत में दोगुने यात्री यात्रा कर रहे थे। इससे रखरखाव लागत बढ़ गई। अशोक लीलैंड व टाटा ने पहले हलफनामे पर अपना रुख स्पष्ट किया था कि जिस पर डीटीसी ने अभी तक जवाब नहीं दिया है। अदालत ने 30 मई तक डीटीसी से जवाब मागा है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।