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खुद पर विश्वास से चुनौतियों को साबित किया बौना

नोट- पटना के ध्यानार्थ मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में दिव्यांग श्रेण्

By JagranEdited By: Updated: Tue, 29 May 2018 09:00 PM (IST)
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खुद पर विश्वास से चुनौतियों को साबित किया बौना

नोट- पटना के ध्यानार्थ मनीषा गर्ग, पश्चिमी दिल्ली सीबीएसई दसवीं की परीक्षा में दिव्यांग श्रेणी में देशभर में छठे स्थान पर आने वाली द्वारका स्थित सेंट मेरी सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा हिरण्या चितती भारगवी (18) द्वारका सेक्टर-19 में अपने परिवार के साथ रहती हैं। अपनी इस सफलता को हिरण्या कोई बड़ी उपलब्धि नहीं मानती हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने जीवन में कभी इतनी उम्मीदें रखी ही नहीं हैं, हालांकि वह अपने परिणाम से काफी खुश हैं। ये उनकी मेहनत और संघर्ष का प्रतीक है। भविष्य में भी वह अपनी इन बुलंदियों को बरकरार रखना चाहती हैं, ताकि दुनिया को साबित कर सके कि वह कमजोर नहीं हैं। अपनी इस उपलब्धि का श्रेय वह अपने अध्यापकों और मां को देती हैं। हिरण्या प्रमस्तिष्क अंगघात यानी सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित हैं। मस्तिष्क के किसी हिस्से के प्रभावित होने के कारण हिरण्या चल फिर नहीं सकती हैं। हिरण्या की बहन भी दिव्यांग है, लेकिन दोनों ही बेटियां अपने परिवार की शान हैं। पटना की रहने वालीं हिरण्या हेलेन केलर व स्टीफन हॉ¨कग से काफी प्रभावित हैं। वह कहती हैं कि जब इन महान व्यक्तियों ने अपनी दिव्यांगता को अपनी सफलता की राह का रोड़ा नहीं बनने दिया तो वह क्यों नहीं ऐसा कर सकतीं।

परीक्षा के दौरान हिरण्या की साथी वर्तिका ने उनका काफी साथ दिया। हिरण्या बताती हैं कि परीक्षा के दौरान उनके समक्ष जो सबसे बड़ी चुनौती थी वह यह कि वह खुद तो चीजों को भलीभांति समझ लेती थीं, लेकिन अपनी साथी को वह समझाना ताकि वह लिख सके काफी मुश्किल होता था। विशेषकर डायग्राम के चलते उन्होंने गणित विषय को आखिरी समय में छोड़ दिया। भौतिक विज्ञान में उन्हें काफी दिक्कत हुई। उनका कहना है कि सीबीएसई को चाहिए कि वे चित्रों में विकल्प दे, ताकि छात्रों को परीक्षा देने में आसानी हो। परीक्षा के लिए उन्होंने ट्यूशन नहीं बल्कि सभी विषयों को खुद से पढ़ा।

हिरण्या ने बताया कि वह आगे एकेडमिक या प्रशासनिक सेवा में जाना चाहेंगी।

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