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इच्छाशक्ति की दरकार

केंद्र सरकार अपने हिस्से का काम कर रही है, लेकिन दिल्लीवासियों को और राहत तभी मिल सकेगी, जब दिल्ली

By JagranEdited By: Updated: Sun, 27 May 2018 10:29 PM (IST)
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इच्छाशक्ति की दरकार

केंद्र सरकार अपने हिस्से का काम कर रही है, लेकिन दिल्लीवासियों को और राहत तभी मिल सकेगी, जब दिल्ली सरकार भी परियोजनाओं को तेजी से पूरा करे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जाना स्वागतयोग्य है। यह तब और भी सुखद हो जाता है, जब यह सामने आता है कि इन दोनों परियोजनाओं का काम समय से काफी पहले पूरा कर लिया गया। यातायात जाम और वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से दो-चार हो रही दिल्ली के लिए इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता कि उन्हें समय से पहले ही इन समस्याओं से कुछ हद तक राहत अवश्य मिल सकेगी। लेकिन दूसरी ओर, ये निराशाजनक ही है कि दिल्ली सरकार की परियोजनाओं के मामले में स्थिति बिलकुल उलट है। यातायात जाम और प्रदूषण से मुक्ति दिलाने को लेकर प्रस्तावित दिल्ली सरकार की योजनाएं करीब-करीब ठप पड़ी ही नजर आती हैं।

राजधानी में वायु प्रदूषण और जाम की समस्या एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। ऐसे में विशेषज्ञ सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने पर जोर देते हैं। लिहाजा दिल्ली में मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बस सेवा को सशक्त किया जाना किसी भी सरकार के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन जहां दिल्ली में मेट्रो के तीसरे चरण का कार्य देरी से पूरा हुआ, वहीं इसके चौथे चरण का काम भी अब तक अटका हुआ है। पहले चौथे चरण की परियोजना में केंद्र सरकार को टैक्स देने को लेकर विवाद था, फिर जीएसटी को लेकर विवाद हुआ और अब मौजूदा समय में दिल्ली सरकार ने परियोजना पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे में चौथे चरण का काम कब शुरू होगा, कहना बहुत मुश्किल है। ऐसी ही स्थिति डीटीसी बस सेवा की भी है। दिल्ली सरकार को केंद्र की इन दो परियोजनाओं से सीख लेनी चाहिए और योजनाओं पर काम आगे बढ़ाने और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने पर ध्यान देना चाहिए।

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