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मिड डे मील संस्थाओं का नवीनीकरण न किया जाए : बल्लन

शिक्षा समिति के चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने कहा कि मिड डे मील आपूर्ति करने वाली संस्थाओं का किसी भी रूप में नवीनीकरण न किया जाए। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। मिड डे मील आपूर्ति करने में हो रही गड़बड़ी को लेकर उन्होंने अधिकारियों से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी। बल्लन ने यह आदेश शिक्षा समिति की बैठक में दिए। समिति की बैठक में पार्षदों व मनोनीत सदस्यों ने मीड डे मील

By JagranEdited By: Updated: Wed, 29 Aug 2018 09:22 PM (IST)
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मिड डे मील संस्थाओं का नवीनीकरण न किया जाए : बल्लन

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :

शिक्षा समिति के चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने कहा कि मिड डे मील आपूर्ति करने वाली संस्थाओं का नवीनीकरण न किया जाए। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाए। मिड डे मील आपूर्ति करने में हो रही गड़बड़ी को लेकर उन्होंने अधिकारियों से 24 घंटे में रिपोर्ट मांगी। बल्लन ने यह आदेश शिक्षा समिति की बैठक में दिया।

समिति की बैठक में पार्षदों व मनोनीत सदस्यों ने मिड डे मील परोसने में हो रही गड़बड़ी की ओर अधिकारियों का ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन संस्थाएं सरकार की इस योजना पर पानी फेर रही हैं। मनोनीत सदस्य विनोद बछेती ने कहा कि मिड डे मील को लेकर पिछली बैठक में पूछे गए सवालों के जवाब में अधिकारियों ने कहा कि मिड डे मील आपूर्ति करने वाली संस्था के सभी कामकाज पर नजर रखी जाती है। किचन की जांच की जाती है, लेकिन पिछले दिनों चेयरमैन के दौरे में कई खामियां मिली थीं उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बछेती ने कहा कि मिड डे मील मामले में कार्रवाई करने वाले अधिकारी का तबादला भी दुर्भाग्यपूर्ण है। कुसुम तोमर ने भी कहा कि घटिया मिड डे मील परोसा जा रहा है। आपूर्ति करने वाली संस्था का ठेका निरस्त कर देना चाहिए। रेशमा नदीम ने कहा कि मिड डे मील की गड़बड़ी का मामला बार-बार उठाया जा रहा है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सब कुछ मिलीभगत से हो रहा है, तभी सुधार नहीं दिख रहा है और संस्थाएं मनमानी कर रही हैं। यह बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए।

चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने कहा कि मिड डे मील में गड़बड़ी का मामला 11 जुलाई को उनके दौरे में सामने आया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अधिकारियों ने जवाब मांगा था तो संस्था ने उत्तर दे दिया। इसके बाद अधिकारियों ने निरीक्षण करने की जरूरत तक नहीं समझी कि आखिर संस्थाओं ने सुधार किया या नहीं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि 24 घंटे में निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपें।

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