हंगामे के बीच कर्मचारियों को स्थायी करने का प्रस्ताव पास
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और सी¨लग को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होनी थी और दोनों ही मामलों में निगम आयुक्त का महत्वपूर्ण बयान होना था। लेकिन बैठक शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने जबरदस्त हंगामा करना शुरू कर दिया, यहां तक कि वे अपनी सीट छोड़कर न केवल वेल में पहुंच गए बल्कि महापौर की कुर्सी तक पहुंच गए।
By JagranEdited By: Updated: Wed, 26 Sep 2018 11:28 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली:
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और सी¨लग को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा होनी थी। दोनों ही मामलों में निगमायुक्त का महत्वपूर्ण बयान होना था, लेकिन बैठक शुरू होते ही आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे सीट छोड़कर न महापौर की कुर्सी तक पहुंच गए। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के मुद्दे को लेकर विपक्षी हंगामा कर रहे थे, वहीं सत्ता पक्ष के पार्षद सफाई कर्मचारियों को स्थायी करने का प्रस्ताव पेश कर रहे थे। हंगामे के बीच ही प्रस्ताव पेश हुआ और इसे पास भी कर दिया गया। महापौर बिपिन बिहारी ¨सह की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। सदन में जहां सी¨लग के मुद्दे पर अल्पकालिक प्रश्नों के जवाब को लेकर चर्चा होनी थी, वहीं सफाई कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांग अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का प्रस्ताव ऑन टेबल रखा गया था। महापौर ने सी¨लग के मुद्दे पर जब पार्षद संजय गोयल को बोलने के लिए कहा तो नेता सदन निर्मल जैन ने सफाई कर्मचारियों के ऑन टेबल प्रस्ताव पर चर्चा करने की बात कही। इसी बीच विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे। महापौर की सहमति से स्थायी समिति चेयरमैन सत्यपाल ¨सह ने प्रस्ताव पढ़ना शुरू किया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की सभी जायज मांगों को लेकर निगम सहमत है, लेकिन दिल्ली सरकार के असहयोगपूर्ण रवैये के कारण उनकी जायज मांगें पूरी नहीं हो पा रही हैं। सफाई कर्मचारियों प्रमुख मांगों में से अस्थायी व एवजीदार सफाई कर्मचारियों को नियमित करने की है। कर्मचारियों को स्थायी नहीं किया जाना, उनके प्रति अत्याचार है। इससे सदन यह संकल्प करती है कि 31 मार्च 1998 से कार्यरत सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए और दिल्ली सरकार से फंड मिलने के बाद इन कर्मचारियों का भुगतान कर दिया जाए। इस प्रस्ताव का उप महापौर किरण वैद्य ने अनुमोदन किया और सत्ता पक्ष के पार्षदों ने हाथ उठाकर बहुमत से प्रस्ताव को पास कर दिया। इस दौरान सत्ता पक्ष की ओर से कई प्रस्ताव रखे गए जिसमें से अधिकतर पास कर दिए गए, लेकिन विपक्ष के सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे। विपक्ष की नारेबाजी के जवाब में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी नारेबाजी की। हंगामे के बीच ही प्रस्ताव पेश हुआ और उसे पास कर दिया गया। इसके बाद महापौर ने बैठक स्थगित कर दी। इस मामले में विपक्ष के नेता कुलदीप कुमार कहते हैं कि वे सफाई कर्मचारियों की हड़ताल और सी¨लग के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते थे, लेकिन सत्ता पक्ष ने इस पर चर्चा नहीं की। इस मामले में नेता सदन कहते हैं कि आज के प्रमुख विषय ही यही थे, लेकिन चर्चा के बीच दिल्ली सरकार की नाकामी उजागर न हो, इस वजह से विपक्ष हंगामा करने लगा।
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