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20 साल से जमे 347 निगम शिक्षकों के हुए तबादले

एक ही स्कूल में 20-20 साल से जमे निगम के 347 शिक्षकों का तबादला किया गया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में पहली बार इस तरह का साहसिक फैसला किया गया है। अन्यथा बड़े नेताओं के दबाव में अक्सर तबादला टल जाता था। अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा के इस फैसले से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। विशेषकर यूनियन नेताओं में। यूनियन नेताओं ने इसके लि

By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 Jul 2018 11:55 PM (IST)
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20 साल से जमे 347 निगम शिक्षकों के हुए तबादले

सुधीर कुमार, पूर्वी दिल्ली

एक ही स्कूल में 20-20 साल से जमे निगम के 347 शिक्षकों का तबादला किया गया है। पूर्वी दिल्ली नगर निगम में पहली बार इस तरह का साहसिक फैसला किया गया है। बड़े नेताओं के दबाव में अक्सर तबादला टल जाता था। अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा के इस फैसले से शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। विशेषकर, यूनियन नेताओं में। यूनियन नेताओं ने इसके लिए धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था सुधारने की मांग के क्रम में लंबे समय से जमे जमाए शिक्षकों के तबादले की मांग अक्सर पार्षद करते रहे हैं। इसके अलावा अभिभावकों और शिक्षा विशेषज्ञ भी इसकी वकालत करते रहे हैं। पिछले दिनों शिक्षा समिति के चेयरमैन राजकुमार बल्लन ने खजूरी खास स्कूल का दौरा किया तो वहां की एक शिक्षिका स्कूल में हाजिरी लगाकर घर चली गई थीं। इसी तरह की शिकायत कई स्कूलों से मिलती थी कि आसपास के शिक्षक हाजिरी लगाकर घर चले जाते हैं या अपने काम में लग जाते हैं। शिक्षा समिति के कई सदस्यों ने भी 20-20 साल से जमे शिक्षकों पर सवाल उठाए थे। समिति के सदस्यों का कहना था कि शिक्षकों के एक ही जगह रहने से शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं हो पाती है और उसके साथ कई गड़बड़ियां जुड़ जाती हैं। उनका कहना था कि तबादला हर तीन या पांच साल में किया जाना चाहिए। जिन शिक्षकों के तबादले हुए हैं उनमें कई यूनियन नेता भी शामिल हैं। तबादला आदेश में कहा गया है कि शिक्षक तत्काल प्रभाव से नए स्कूल में ज्वाइन करें।

शिक्षक नेता महिपाल ¨सह, विभा ¨सह और सतेंद्र नागर ने इसे तुगलकी फरमान बताया है। कई शिक्षकों ने सुबह 8 बजे शिक्षा समिति चेयरमैन के घर पर उनका घेराव करने का ऐलान किया है। महिपाल ¨सह कहते हैं कि तबादले में महिला सुरक्षा का भी ख्याल नहीं रखा गया है। विकलांग शिक्षक व गर्भवती शिक्षिकाओं का भी तबादला कर दिया गया है। इसके अलावा जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति के दो-तीन महीने रह गए हैं उन्हें भी बख्शा नहीं गया है। इसी वजह से शिक्षा समिति के चेयरमैन का घेराव किया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो आंदोलन भी किया जाएगा।

अब 15 साल वाले हैं निशाने पर

अभी 20 साल से जमे शिक्षकों पर गाज गिरी है। निगम की ओर से अब ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है, जो 15 साल से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। लिस्ट तैयार होते ही उनका भी तबादला किया जाएगा।

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शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए यह कदम उठाया गया है। वर्षो से एक ही जगह पर शिक्षकों के जमे रहने से शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। निगम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर माहौल मिले और वहां बदलाव हो, इस वजह से यह फैसला किया गया है। उन शिक्षकों को इस आदेश से अलग रखा गया है जो विकलांग हैं या जिनकी सेवानिवृत्ति में एक साल से कम रह गया है। इसी कड़ी में दो सहायक शिक्षा निदेशकों का भी तबादला किया गया है। अंबुज कुमार को शाहदरा उत्तरी जोन में और यहां तैनात राजीव कुमार को निगम मुख्यालय में भेजा गया है।

अलका शर्मा, अतिरिक्त आयुक्त, शिक्षा,पूर्वी दिल्ली नगर निगम।

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तबादला नीति सभी के लिए समान होनी चाहिए। अगर बदलाव लाना ही है तो सभी विभागों में होना चाहिए। सिर्फ शिक्षकों का तबादला करने से बात नहीं बनेगी, बल्कि निगम के सभी विभागों में वर्षो से जमे हुए अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला होना चाहिए।

राजकुमार बल्लन, चेयरमैन शिक्षा समिति, पूर्वी निगम।

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