सफाई का कार्य एक एजेंसी को देने की उठी मांग
दिल्ली में जलभराव होता है और इसका ठीकरा एक- दूसरे पर फोड़ा जाता है। सफाई व्यवस्था विभिन्न एजेंसियों में फंसी हुई है। दिल्ली को बेहतर देखना है तो इसके लिए जरूरी है कि पूरी सफाई व्यवस्था एक ही एजेंसी के पास हो। इसे एजेंसियों के मकड़जाल से निकालना
By JagranEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 12:07 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली:
दिल्ली में जलभराव होता है और इसका ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ा जाता है। सफाई व्यवस्था विभिन्न एजेंसियों में फंसी हुई है। दिल्ली को बेहतर देखना है तो इसके लिए जरूरी है कि पूरी सफाई व्यवस्था एक ही एजेंसी के पास हो। इसे एजेंसियों के मकड़जाल से निकालना चाहिए। इस मामले को शाहदरा दक्षिणी जोन की बैठक में जोर-शोर से उठाया गया। पार्षद अपर्णा गोयल ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में सफाई व्यवस्था कई विभागों के पास है। इसमें नगर निगम के अलावा पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग), डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण), ¨सचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग व जल बोर्ड शामिल हैं। आइपी एक्सटेंशन में डीडीए की सड़कों पर इतना पानी भर गया था कि लोग अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गए थे। यही हाल पीडब्ल्यूडी का है। निगम की ओर से सफाई के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए जाते हैं, लेकिन पीडब्ल्यूडी की वजह से मुंह की खानी पड़ती है, लेकिन लोग जलभराव के लिए निगम को ही दोषी मानते हैं। लोगों की सोच है कि सारी सफाई का काम निगम के पास ही है। इसलिए यह समय की जरूरत है कि सफाई की जिम्मेदारी एक ही विभाग के पास हो। यहां यह ज्ञात हो कि पीडब्ल्यूडी की अधिकतर सड़कें व नालियां निगम के पास होती थी,लेकिन 60 फुट व उससे अधिक चौड़ी सभी सड़कें पिछली प्रदेश सरकार ने पीडब्ल्यूडी के अधीन कर दी थी। काफी पहले दिल्ली जल बोर्ड भी निगम का हिस्सा हुआ करता था। बैठक में भाजपा के पार्षद गो¨वद अग्रवाल, संजय गोयल, संदीप कपूर, नीतू त्रिपाठी, गुंजन गुप्ता, रजनी पांडेय, जुगनू और अतुल गुप्ता सहित कई पार्षदों जलभराव के लिए पीडब्ल्यूडी व जलबोर्ड को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने अपने नालों की सफाई गहराई से नहीं की है। जिस काम को अप्रैल-मई में खत्म कर लेना चाहिए था उस काम को जून-जुलाई में किया गया। नतीजा यह हुआ कि पूरी सफाई नहीं हुई और जहां सफाई हुई वहां बारिश की वजह से गाद फिर से नालों में चली गई और सड़कों पर फैल गई, वहीं आम आदमी पार्टी की पार्षद गीता रावत ने इसके लिए निगम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि स्वच्छता रैं¨कग में हम इतने पिछड़ गए हैं। हमारी सफाई व्यवस्था फिसड्डी हो गई है। हालांकि आप पार्षद रोहित महरोलिया ने इसके उलट यह कहा कि उनके यहां निगम कर्मचारी बेहतर काम कर रहे हैं और जोन में त्रिलोकपुरी ईस्ट वार्ड सबसे स्वच्छ घोषित हुआ है।
बैठक में अतुल गुप्ता ने खुले डलाव घरों के लिए विशेष व्यवस्था करने की मांग की। राजकुमार गर्ग ने कहा कि लक्ष्मीनगर में जहां शौचालय पहले से बने हुए हैं वहां से कुछ ही दूरी पर नए शौचालय बनाए जा रहे इससे रुपये की बर्बादी की जा रही है।
उपायुक्त ने ऑटो टिपर दिया और अतिरिक्त आयुक्त ने वापस ले लिया मंडावली की पार्षद शशि चांदना ने ऑटो टिपर वार्ड के लिए देने और इसे फिर से ले लेने की शिकायत की। जब उपायुक्त बीएम मिश्रा ने सफाई विभाग के संबंधित अधिकारी से जवाब तलब किया तो उन्होंने बताया कि अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा ने ऑटो टिपर वापस करने के लिए कहा था। यह भी बताया कि इस ऑटो टिपर की पेमेंट तो शाहदरा दक्षिणी जोन से की जा रही है, लेकिन इसे चलाया जा रहा है शाहदरा उत्तरी जोन में। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि वे इस मसले को लेकर बातचीत करेंगे और समस्या का समाधान करवाएंगे।
ईस्ट विनोद डूब रहा है, लेकिन अधिकारियों को ¨चता नहीं मयूर विहार फेज दो की पार्षद भावना मलिक ने कहा कि ईस्ट विनोद नगर में मेरठ एक्सप्रेस वे बनने की वजह से गंदे पानी की निकासी बंद हो गई है। यहां का जो मुख्य नाला है वह 15 साल पहले बना था। इससे इसमें गाद बहुत अधिक भरी हुई है। इस कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और पानी कॉलोनी में भर रहा है। रोड क¨टग का विरोध पार्षद बबीता खन्ना ने कहा कि रोड क¨टग पर रोक है, फिर भी जगह- जगह ऐसा हो रहा है। उन्होंने निर्माण विहार में नाला निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करने और बैक लेन की सफाई न किए जाने की भी शिकायत की।
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