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प्रदूषण रोकने को सख्ती से जुटा ईपीसीए

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सख्त रुख अपना लिया है। सीपीसीबी की सिफारिशों के बाद उसने एक से 10 नवंबर तक सभी निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में शनिवार को ईपीसीए के अध्यक्ष डॉ. भूरेलाल ने सभी एजेंसियों को पत्र लिखकर यह निर्देश दिए। उन्होंने पत्र में कहा है कि 12 अक्टूबर को ईपीसीए की बैठक हुई थी और उस समय ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को लागू करने पर बातचीत हुई थी।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 27 Oct 2018 09:54 PM (IST)
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प्रदूषण रोकने को सख्ती से जुटा ईपीसीए

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सख्त रुख अपना लिया है। सीपीसीबी की सिफारिशों के बाद उसने एक से 10 नवंबर तक सभी निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में शनिवार को ईपीसीए के अध्यक्ष डॉ. भूरेलाल ने सभी एजेंसियों को पत्र लिखकर यह निर्देश दिए। उन्होंने पत्र में कहा है कि 12 अक्टूबर को ईपीसीए की बैठक हुई थी और उस समय ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) को लागू करने पर बातचीत हुई थी। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप को लागू कर दिया गया है, लेकिन ईपीसीए द्वारा गठित टास्क फोर्स ने चेतावनी दी है कि एक नवंबर से खराब मौसम के कारण प्रदूषण का स्तर खतरनाक रहने की आशंका है। ऐसे में टास्क फोर्स ने कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाए हैं, जिन्हें डॉ. भूरेलाल ने लागू करने को कहा है। ईपीसीए के ये हैं महत्वपूर्ण कदम

- दिल्ली-एनसीआर में 1 से 10 नवंबर के दौरान सभी निर्माण कार्यो पर रोक लगा दी गई है। इन दस दिनों में निर्माण कार्य बंद रहेंगे। सिर्फ उन अंदरुनी फिनिशिंग के कार्य करने की अनुमति होगी, जिनमें निर्माण सामग्री का प्रयोग नहीं होगा। - दिल्ली-एनसीआर में सभी पत्थर क्रशर, हॉट मिक्स प्लांट जिनसे धूल के कण वातावरण में प्रदूषण फैलाते हैं। सभी को 1 से 10 नवंबर के दौरान बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। - 4 से 10 नवंबर के दौरान कोयले एवं जैविक पदार्थो को ईधन के रूप में अपनाने वाले सभी उद्योग बंद रहेंगे। बिजली पैदा करने वाले थर्मल प्लांट और वेस्ट टु एनर्जी प्लांट जैसे उद्योगों को इससे राहत दी गई है। - दिल्ली परिवहन निगम और यातायात पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वह दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की जांच करें। जो भी वाहन प्रदूषण फैलाता नजर आता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और मौके पर ही जुर्माना लगाएं। यातायात पुलिस दिल्ली में ट्रैफिक कंजेशन को नियंत्रित करे। - दिल्ली-एनसीआर में जहां पर अक्सर खुले में कूड़ा जलाया जाता है, वहां पर रात के वक्त गश्त लगाएं। खुले में कूड़ा जलाकर ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखें। - एनसीआर के इलाके में यह सुनिश्चित करें कि लोगों को बिना किसी रुकावट के बिजली की सप्लाई में कोई दिक्कत ना आए। उन्हें डीजल जनरेटर सेट का उपयोग करने की जरूरत ना पड़े। - अखबारों के माध्यम से लोगों को यह बताया जाए कि वह सार्वजनिक वाहनों का अधिक इस्तेमाल करें और निजी वाहनों का उपयोग ना करें। लोगों को ग्रेप से अवगत कराएं। उन सभी सूची को छापें, जिन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। प्रदूषण फैलाने पर जिन पर जुर्माना लगाया गया है।

तीन में कैसा रहेगा प्रदूषण का स्तर

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की तरफ से प्रोजेक्ट सफर ने कहा है कि अगले तीन दिनों तक दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक रहने की आशंका है। दिल्ली में रविवार के दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 361, सोमवार के दिन 371 और मंगलवार के दिन 359 रहने की उम्मीद है।

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