Move to Jagran APP

बदला-बदला नजर आ रहा ईएसआइ अस्पताल

डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों की कतार। पंजीकरण के लिए मारामारी। भीड़ प्रबंधन की कमी। ये सब सरकारी अस्पतालों में नजर आता है। कुछ समय पहले तक झिलमिल स्थित इंदिरा गांधी ईएसआइ अस्पताल की भी यही हालत थी। लेकिन अब इस अस्पताल का मिजाज बदल रहा है। मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। वहीं भीड़ प्रबंधन के कारण मरीजों की दुश्वारियां भी कम हो गई हैं। अस्पताल के फ्लोर और दीवारों का भी रंगरोगन का काम शुरू किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Updated: Sun, 02 Sep 2018 06:47 PM (IST)
Hero Image
बदला-बदला नजर आ रहा ईएसआइ अस्पताल

फोटो फाइल नंबर : 1 ईएनडी 201 से 203 सुविधाएं

- मरीजों की जांच के लिए लगाई गई हैं अत्याधुनिक मशीनें

- निजी अस्पतालों की तरह टोकन की व्यवस्था लागू स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली

सरकारी अस्पतालों में पंजीकरण के लिए मारामारी, डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों की लंबी कतार आम बात है। कुछ समय पहले तक झिलमिल स्थित इंदिरा गांधी ईएसआइ अस्पताल की भी यही हालत थी लेकिन अब यहां की व्यवस्था बदल रही है। मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई गई हैं तो वहीं भीड़ प्रबंधन के जरिये मरीजों की दुश्वारियां भी कम की गई है। अस्पताल का रंगरोगन भी हो रहा है।

मरीज बताते हैं कि पहले यहां इलाज के लिए घंटों कतार में खड़े रहना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। निजी अस्पतालों की तरह पंजीकरण के लिए सालभर पहले ही यहां सेंट्रल रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू कर दिया गया था। अब सभी विभागों में टोकन मशीनें लगाई जा रही हैं ताकि कहीं भी एक साथ भीड़ न हो और मरीजों को सुविधा मिले। हाल में यहां रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी, बच्चा और महिला रोग विभाग में टोकन मशीनें लगाई जा चुकी हैं। इन्हें धीरे-धीरे सभी विभागों में लगाने की योजना है। अस्पताल में डिजिटल एक्सरे मशीन भी लगाई जा चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि डिजिटल मशीन से एक्सरे काफी साफ निकलते हैं। इससे डॉक्टरों को आसानी होती है और मरीजों को बेहतर इलाज मिल पाता है। इसी तरह पैथौलॉजी विभाग में भी अत्याधुनिक मशीन (ऑटोमेटिक बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर) लगाई गई है। इसमें एक साथ 30 से 40 मरीजों का ब्लड सैंपल डाला जा सकता है। इससे कम समय में अधिक और सटीक रिपोर्ट आ जाती हैं। निजी अस्पतालों की तरह ईएसआइ अस्पताल में भी मरीजों के लिए जगह-जगह पर पांच एलईडी टीवी लगाए गए हैं। साथ ही सुरक्षा के लिए यहां 32 सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं।

अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंचे परमानंद बताते हैं कि वह दो साल बाद यहां आए हैं। इस बार अस्पताल बिल्कुल बदला-बदला सा नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि सुविधाओं के बाद अब डॉक्टरों का मिजाज भी बदलना जरूरी है।

---

अस्पताल को मरीजों के अनुकूल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हें अच्छा माहौल मिले, यही हमारी कोशिश है। रंगरोगन का कार्य पूरा होने के बाद अस्पताल और बेहतर नजर आएगा। हमने आपातकालीन विभाग में भी बिस्तरों की संख्या में इजाफा किया है।

- डॉ. राकेश जुल्का, चिकित्सा अधीक्षक, ईएसआइ अस्पताल

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।