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'ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल-वे पर नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं'

ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोल पंप शौचालय एंबुलेंस व आपात सुविधाएं को सुनिश्चित करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और हरियाणा औद्योगिक एवं

By JagranEdited By: Updated: Wed, 24 Apr 2019 07:44 PM (IST)
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'ईस्टर्न-वेस्टर्न पेरिफेरल-वे पर नहीं हैं मूलभूत सुविधाएं'

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर पेट्रोल पंप, शौचालय, एंबुलेंस व आपात सुविधाएं सुनिश्चित कराने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और हरियाणा औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना निगम (एचएसआइआइडीसी) से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने एनएचआइए व एचएसआइआइडीसी को नोटिस जारी किया है। याचिका पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने याचिका में कहा कि दो साल पहले शुरू किए गए वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे व कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर रोज हजारों वाहन गुजरते हैं, लेकिन अब तक वहां पेट्रोल पंप, शौचालय, एंबुलेंस जैसी आपात सुविधाएं नहीं हैं। हालांकि, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे व कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे पर इनमें से कुछ सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिसका उद्घाटन पिछले वर्ष प्रधानमंत्री ने किया था। याचिकाकर्ता ने मांग की कि हाई कोर्ट प्राधिकरण को उक्त जरूरी मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित कराने का निर्देश दे। याचिका के अनुसार दिल्ली को जोड़ने वाले अन्य हाईवे पर क्रेन, एंबुलेंस, रूट पेट्रोल, आपात सेवा, नजदीकी पुलिस स्टेशन व अस्पताल जैसी सुविधाएं हैं। उन्होंने इस संबंध में 1 अप्रैल को एनएचएआइ में रिप्रजेंटेशन दिया था, लेकिन प्राधिकरण की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं करने पर उन्होंने अदालत का रुख किया है। छह लेन वाला कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे हरियाणा में 133.6 किलोमीटर लंबा है। दिल्ली-एनसीआर की यातायात समस्या को देखते हुए दोनों ही एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है, ताकि राजधानी से 50 हजार वाहनों का बोझ कम हो और दिल्ली की हवा शुद्ध हो सके।