युवक को मिला फर्जी लाइसेंस, शिकायत पर पकड़ा गया गिरोह
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली : दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली :
दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से छह फर्जी लाइसेंस भी बरामद हुए हैं। आरोपितों की पहचान लाजपत नगर के जल विहार में रहने वाले चंद्रभान मिश्रा और लिबासपुर, समयपुर बादली के रहने वाले कमल के रूप में हुई है। पुलिस फिलहाल फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दो और लोगों की तलाश कर रही है।
डीसीपी विजय कुमार ने बताया कि संगम विहार के रहने वाले दिलीप कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उसने चंद्रभान को लाइसेंस बनाने के लिए 6100 रुपये दिए थे। दो-तीन दिन बाद ही उसने उसे दिल्ली का ड्राइ¨वग लाइसेंस लाकर दे दिया। लाइसेंस की जांच करने पर पता लगा कि वह फर्जी है। इसके बाद उसने चंद्रभान से संपर्क किया और कहा कि या तो वह असली लाइसेंस दे दे या फिर पैसे वापस कर दे। चंद्रभान ने न तो पैसे वापस दिए, न ही लाइसेंस दिया।
शिकायत के मामले की जांच करते हुए पुलिस ने चंद्रभान को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसे कमल लाइसेंस बनाकर देता था। चंद्रभान की निशानदेही पर पुलिस ने कमल को मुकरबा चौक के पास से उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह किसी और को फर्जी लाइसेंस देने के लिए आया था। उसके पास से छह फर्जी लाइसेंस बरामद हुए हैं। पूछताछ में दोनों ने बताया कि समयपुर बादली में पप्पू और विजय फर्जी लाइसेंस बनाने का काम करते हैं। जो दो हजार रुपये से छह हजार रुपये में दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार के लाइसेंस तैयार करके दे देते हैं। पुलिस ने फिलहाल चंद्रभान और कमल को गिरफ्तार कर लिया है। पप्पू और विजय की तलाश की जा रही है।