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फर्जी शिकायतों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा, की सख्त कार्रवाई की मांग

कपिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके आपराधिक मामलों में झूठी शिकायतें दर्ज कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस याचिका में आपराधिक मामलों में झूठी शिकायतें दर्ज कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है।

By Jp YadavEdited By: Updated: Mon, 15 Mar 2021 09:39 AM (IST)
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भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा की फाइल फोटो।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय जनता पार्टी के नेता और दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार में पूर्व मंत्री रहे कपिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके आपराधिक मामलों में झूठी शिकायतें दर्ज कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस याचिका में आपराधिक मामलों में झूठी शिकायतें दर्ज कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए केंद्र को निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है। याचिका में गलत अभियोगों के पीड़ितों के लिए मुआवजा सुनिश्चित करने की मांग की गई है।

कपिल मिश्र ने यह याचिका दुष्कर्म के उस सनसनीखेज मामले की पृष्ठभूमि में दायर की है, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 20 साल से जेल में बंद विष्णु तिवारी को निदरेष करार दिया था। न्यायालय ने कहा था कि भूमि विवाद के चलते उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। तिवारी को अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत अत्याचार और दुष्कर्म के मामले में 16 सितंबर, 2000 को गिरफ्तार किया गया था। वकील अश्विनी कुमार दुबे के जरिये दायर जनहित याचिका में गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने और झूठे मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कारण तिवारी को मुआवजा दिए जाने का अनुरोध किया गया है।

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्रालय, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार और विधि आयोग को याचिका में पक्षकार बनाया है। याचिका में विशेष कानूनों के तहत आरोपी बनाए गए विचाराधीन कैदियों के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए तंत्र बनाए जाने और निश्चित अवधि में विचाराधीन कैदियों के मामलों पर फैसला किए जाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाने का अनुरोध किया गया है।

गौरतलब है कि कपिल मिश्रा पूर्व आम आदमी पार्टी में रहने के दौरान दिल्ली के पर्यटन और जल मंत्री भी रह चुके हैं। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में तीसरे कार्यकाल के दौरान कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दाम थाम लिया था। हालांकि, वह इस बार अपना चुनाव हार गए थे।

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