मंडावली में छापेमारी का डर दिखाकर लाखों की ठगी
मंडावली इलाके में एक बदमाश बच्चों को पुलिस की छापेमारी का डर दिखाकर घर से करीब आठ लाख रुपये और इतने ही मूल्य के गहनों पर हाथ साफ कर गया। आरोपित के फरार होने के बाद बच्चों को ठगी का पता चला। 17 वर्षीय सुरुचि के बयान पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर बदमाश की शिनाख्त में जुटी है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 05 Jul 2018 08:08 PM (IST)
वारदात
- घर पर अकेले थे बच्चे, ठग ने कहा- तुम्हारे पापा ने भेजा है - आठ लाख की नकदी और आठ लाख के आभूषण लेकर आरोपित फरार जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली : मंडावली इलाके में एक बदमाश बच्चों को पुलिस की छापेमारी का डर दिखाकर करीब आठ लाख रुपये नकदी और इतने ही मूल्य के गहनों पर हाथ साफ कर गया। 17 वर्षीय सुरुचि के बयान पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर बदमाश की शिनाख्त में जुटी है। जानकारी के मुताबिक, मंडावली की जगदीश गली में उपेंद्र ¨सह पत्नी, बेटी और बेटे के साथ रहते हैं। इन दिनों वह अमरनाथ की यात्रा पर गए हुए हैं। उनकी पत्नी भी बिहार में अपने गांव गई हुई हैं। बुधवार दोपहर सुरुचि छोटे भाई सूरज के साथ घर में थी। इसी दौरान बदमाश उनके घर पर पहुंचा और खुद को उपेंद्र का दोस्त बताते हुए दरवाजा खोलने के लिए कहा। सुरुचि ने दरवाजा खोल दिया। बदमाश ने अपना नाम कृष्णा बताया और कहा कि उपेंद्र को पुलिस ने अमरनाथ यात्रा के दौरान चोरी के आरोप में पकड़ लिया है। पुलिस अब घर पर छापेमारी करने आ रही है। उपेंद्र ने घर में रखे रुपये और गहने हटाने के लिए कहा है। सुरुचि बदमाश के झांसे में आ गई और आरोपित को तिजोरी के पास लेती गई। आरोपित ने तिजोरी में रखे आठ लाख रुपये नकदी, सोने की चार चेन, आठ अंगूठी, सोने की चार चूड़ियां, एक टीका, नौ जोड़े कान के कुंडल समेत अन्य गहने सूरज के स्कूल बैग में रख लिए। बैग और सूरज को अपने साथ मोटरसाइकिल पर लेकर बाहर निकला। थोड़ी दूरी पर जाकर एक स्कूल के सामने सूरज को उतार दिया और शाम को मिलने को कहा। इसके बाद वह बैग लेकर चला गया। शाम को दोनों इंतजार करते रहे, मगर वह नहीं आया। इसके बाद सुरुचि ने परिवार और पुलिस को इसकी सूचना दी।
----------- हर किसी पर न कर लें भरोसा
आजकल ठगी की वारदात बढ़ गई हैं। इसको देखते हुए सावधान रहने की जरूरत है। खासकर बच्चों को बताया जाना चाहिए कि वे यूं ही किसी पर भरोसा न कर लें। यदि कोई कहता है कि वह उनके पिता का दोस्त या कोई रिश्तेदार है तो दरवाजा खोलने से पहले परिवार के लोगों को फोन कर पूछ लें।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।